भारत के महान धावक मिल्खा सिंह का एक महीने तक कोरोना से जूझने के बाद शुक्रवार 18 जून को निधन हो गया। इससे पांच दिन पहले उनकी पत्नी और भारतीय वॉलीबॉल टीम की पूर्व कप्तान निर्मल कौर ने भी कोरोना की वजह से दम तोड़ दिया था, पद्मश्री मिल्खा सिंह 91 साल के थे, उनके परिवार में उनके बेटे गोल्फर जीव मिल्खा सिंह और तीन बेटियां हैं।
उनके परिवार की ओर से बयान जारी कर बताया गया है कि मिल्खा सिंह ने रात करीब 11.30 बजे आखिरी सांस ली, उनकी हालत शाम से ही खराब थी, बुखार के साथ ऑक्सीजन भी कम हो गई थी, वह यहां पीजीऐईएमईआर के आईसीयू में भर्ती थे, उन्हें पिछले महीने कोरोना हुआ था, बुधवार को उनकी रिपोर्ट नेगेटिव आई थी, उन्हें जनरल आईसीयू में शिफ्ट कर दिया गया था, गुरुवार शाम से पहली उनकी हालत स्थिर हो गई थी।
मिल्खा सिंह की पत्नी 85 वर्षीय निर्मल का रविवार को एक निजी अस्पताल में निधन हुआ था, 4 बार के एशियाई खेलों के स्वर्ण पदक विजेता मिल्खा ने 1958 राष्ट्रमंडल खेलों में भी पीला तमगा हासिल किया था, उनका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन हालांकि 1960 रोम ओलंपिक में था, जिसमें 400 मीटर दौड़ में वो चौथे स्थान पर रहे थे, उन्होने 1956 और 1964 ओलंपिक में भी भारत का प्रतिनिधित्व किया, उन्हें 1959 में पद्मश्री से नवाजा गया था।
पीएम मोदी ने महान धावक मिल्खा सिंह के निधन पर शोक जताते हुए कहा कि भारत ने ऐसा महान खिलाड़ी खो दिया है, जिसनसे जीवन में उदयमान खिलाड़ियों को प्रेरणा मिलती रहेगी, मोदी ने ट्वीट किया है, मिल्खा सिंह जी के निधन से हमने एक महान खिलाड़ी खो दिया है, जिनका असंख्य भारतीयों के ह्दय में विशेष स्थान था, अपने प्रेरक व्यक्तित्व से वो लाखों के चहेते थे, मैं उनके निधन से आहत हूं। मैंने कुछ दिन पहले ही मिल्खा सिंह जी से बात की थी, मुझे नहीं पता था कि ये हमारी आखिरी बात होगी, उनके जीवन से कई उदयमान खिलाड़ियों को प्रेरणा मिलेगी, उनके परिवार और दुनियाभर में उनके प्रशंसकों को मेरी संवेदनाएं।