लखनऊ। उत्तर प्रदेश में कोरोना वायरस के इलाज के नाम पर मरीजों से ज्यादा पैसे वसूलने वाले अस्पतालों पर कार्रवाई की जा रही है। इसके बाद उत्तर प्रदेश प्रशासन ने कई अस्पतालों से मरीजों के पैसे वापस कराए। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आदेश पर पहले गौतम बुद्ध नगर में और अब हापुड़ एवं मेरठ में भी प्रशासन ने अस्पतालों से कई मरीजों के पैसे वापस कराए हैं।
उत्तर प्रदेश में कोविड अस्पतालों में कोरोना वायरस संक्रमण के लिए दर निर्धारित की गई थी। इसके अंतर्गत आइसोलेशन में भर्ती मरीजों के लिए प्रतिदिन 4800 रुपए, आईसीयू के 7800 रुपए और आईसीयू वेंटीलेंटर के 9000 रुपए तय किए थे। इसमें अस्पतालों में ऑक्सीजन, बेड, भोजन, नर्सिंग सर्विस, चिकित्सकीय जाँच एवं कंसल्टेशन भी शामिल था। इसके अतिरिक्त अस्पताल मरीज से किसी भी प्रकार का अतिरिक्त शुल्क नहीं वसूल सकते थे।
हालाँकि शासन द्वारा इलाज दरें निर्धारित करने के बाद भी मरीजों से अतिरिक्त शुल्क लेने की खबरें सामने आ रही थीं। लगातार शिकायतों के बढ़ने के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रशासन को निर्देशित किया था कि अस्पतालों के खिलाफ ऐसी शिकायतों पर कार्रवाई की जाए।
ऐसी ही कुछ शिकायतें हापुड़ और मेरठ से भी प्रशासन तक पहुँची। शासन के निर्देश पर हापुड़ के डीएम ने 2 कोविड अस्पतालों को नोटिस दिया। वहीं 5 अस्पतालों से तय सीमा से अधिक शुल्क वसूल करने पर मरीजों के पैसे लौटाने के लिए कहा गया। बिल से असन्तुष्ट होने वाले मरीजों की शिकायत पर कार्रवाई करते हुए हापुड़ प्रशासन ने देव नंदिनी अस्पताल में भर्ती 30 मरीजों, आरोग्य अस्पताल में भर्ती 12 मरीजों , जीएस अस्पताल में 2 मरीजों और रामा अस्पताल में 2 मरीजों से तय दर से अधिक लिए गए शुल्क को लौटाने को कहा। इस पर देव नंदिनी अस्पताल ने मरीजों को 3.50 लाख रुपए वापस भी कर दिए।
लाइव हिंदुस्तान की खबर के अनुसार मेरठ में भी ऐसी 49 शिकायतें प्रशासन को प्राप्त हुईं, जिनमें 18 शिकायतें सही पाई गईं। मेरठ प्रशासन ने कार्रवाई करते हुए 2 अस्पतालों से 4 लाख रुपए वापस कराए और जबकि तीन बड़े अस्पतालों के लायसेन्स रद्द किए गए हैं।
इससे पहले गौतम बुद्ध नगर में भी मरीजों से तय दर से अधिक पैसे वसूलने का मामला सामने आया था। सीएम योगी आदित्यनाथ के आदेश पर निर्धारित दरों से अधिक वसूली गई राशि मरीजों को वापस कराई गई थी। गौतम बुद्ध नगर में तीन मरीजों को क्रमशः 150000 रुपए, 28400 रुपए और 31247 रुपए वापस कराए गए थे। जबकि एक मरीज के अंतिम बिल में 325000 रुपए की छूट अस्पताल से प्रदान कराई गई।
Covid-19 महामारी के दौरान अस्पतालों में मरीजों से मनमानी दरों पर पैसे वसूलने के कई मामले सामने आए थे, जिन पर संज्ञान लेते हुए सीएम आदित्यनाथ ने प्रशासन को यह निर्देशित किया था कि इन शिकायतों की जाँच कर ऐसे अस्पतालों का डेटा तैयार करें। इसके लिए मरीजों और उनके परिजनों को भी यह सुविधा दी गई थी कि मरीज या उनके परिजन निजी कोविड अस्पतालों के द्वारा निर्धारित दरों से अधिक राशि वसूलने से असन्तुष्ट हैं तो वे लिखित में डीएम के पास शिकायत कर सकते हैं।