आज श्रीलंकाई क्रिकेट और उसके क्रिकेटरों का हाल देखकर नहीं लगता कि कभी इसी देश से महेला जयवर्धने जैसे महान खिलाड़ी निकले होंगे. 27 मई को श्रीलंका की धरती पर महेला जयवर्धने के रूप में एक ऐसे बल्लेबाज ने जन्म लिया जिसने न केवल अपनी शानदार बल्लेबाजी से सभी का दिल जीत बल्कि क्रिकेट में विनम्रता और शालीनता की ऐसी मिसाल पेश की जो आधुनिक युवा खिलाड़ियों के लिए सबसे बड़ी प्रेरणास्रोत है.
अपना 44 वां जन्मदिन मना रहे पूर्व लंकाई कप्तान महेला जयवर्धने ने अपने जीवन में अनेक नॉक आउट मुकाबले खेले हालांकि वे अपनी टीम को 2014 टी20 विश्वकप के अलावा कभी विजयी नहीं बना सके लेकिन फिर भी उन्हें क्रिकेट की दुनिया का सबसे धाकड़ बल्लेबाज माना जाता था.
महेला जयवर्धने को सचिन तेंदुलकर के समान उदार क्रिकेटर माना जाता था और उनकी बैटिंग स्टाइल की भी सचिन से तुलना होती थी. महेला जयवर्धने का दुनियाभर में 400 से ज्यादा एकदिवसीय मैच खेलने वाले चुनिंदा खिलाड़ियों में भी शुमार है.
महेला जयवर्धने का क्रिकेट करियर
महेला जयवर्धने ने करियर में 149 टेस्ट मैच खेले हैं और 252 पारियों में 11814 रन बनाए हैं. टेस्ट में 34 शतक, 50 अर्धशतक, 7 दोहरे शतक और 1 तिहरा शतक जड़ा है. जयवर्धने का उच्चतम स्कोर 374 रन है.
महेला जयवर्धने ने 448 एकदिवसीय मैचों की 418 पारियों में 12650 रन बनाए हैं. उनके वनडे में 19 शतक और 77 अर्धशतक हैं. वनडे में जयवर्धने का 144 उच्चतम स्कोर है.
महेला जयवर्धने ने 55 टी 20 में 1493 रन बनाए हैं जिसमें उनके 9 अर्धशतक और 1 शतक शामिल है.
2007 विश्वकप में श्रीलंका को फाइनल तक पहुंचाया
महेला जयवर्धने ने अपनी कप्तानी में 2007 के विश्वकप में श्रीलंका को फाइनल तक का सफर तय कराया लेकिन फाइनल में ऑस्ट्रेलिया के हाथों श्रीलंका को शिकस्त झेलनी पड़ी. इसके बाद 2011के विश्वकप फाइनल में भी भारत ने श्रीलंका को ही हराकर खिताब जीता था.
2011 के फाइनल मुकाबले में महेला जयवर्धने ने शानदार शतक ठोका था और भारत के समर्थकों की धड़कनें तेज कर दी थी लेकिन बाद में मैच भारतीय टीम ही जीती. हमेशा श्रीलंका को बड़े टूर्नामेंट की टीम माना गया. ICC की सभी प्रतियोगिताओं में श्रीलंका शानदार खेल दिखाती थी और 2007 के बाद हर बार फाइनल और सेमीफाइनल का सफर तय करती थी.
श्रीलंका की टीम ने जिन बुलंदियों को इतिहास में हासिल किया उनमें जयवर्धने का योगदान अविस्मरणीय है.
2015 में क्रिकेट को कह दिया अलविदा
श्रीलंका के पूर्व कप्तान महेला जयवर्धने ने आखिरी एकदिवसीय मैच दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ 2015 विश्वकप में खेला था और उसके बाद उन्होंने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा कह दिया. जयवर्धने ने आखिरी टेस्ट मैच 2014 में पाकिस्तान के खिलाफ खेला.
जयवर्धने ने पहला टेस्ट मैच 1997 और पहला एकदिवसीय मैच 1998 में खेला रहा. उन्होंने अपने पूरे करियर में अनेक अविस्मरणीय पारियां खेलीं जिसमे टेस्ट मैच में उनकी संगकारा के साथ 600 से अधिक रन की रिकॉर्ड साझेदारी भी शामिल है.
श्रीलंका ने 2014 में भारत को हराकर टी20 विश्वकप अपने नाम किया था, उस टूर्नामेंट में शुरुआत में जयवर्धने ही लंकाई टीम के कप्तान थे और बाद में लसिथ मलिंगा को टीम की कमान दे दी गयी थी. श्रीलंका 2009 में पाकिस्तान के खिलाफ टी विश्वकप हार गया था.