आगरा/लखनऊ। आगरा-मथुरा और फिरोजाबाद यमुना एक्शन प्लान के तहत दो दशक में जल निगम ने करीब 10 हजार करोड़ रुपये खर्च कर दिए. मगर, फिर भी कालिंदी में गंदे नाले सीधे गिर रहे हैं. इससे यमुना का जल प्रदूषित और जहरीला हो गया है. यमुना की इस हालत को लेकर और यमुना एक्शन प्लान के नाम पर हुई करोड़ों की बर्बादी को लेकर यूपी सरकार के पूर्व कैबिनेट मंत्री और वरिष्ठ भाजपा नेता राजा अरिदमन सिंह ने प्रदेश सरकार के नगर विकास मंत्री, प्रमुख सचिव (नगर विकास) एवं उत्तर प्रदेश शासन के मुख्य सचिव को पत्र लिखकर इस पूरे मामले की टेक्निकल ऑडिट सेल से भौतिक जांच करवाने की मांग की है.
धन के दुरुपयोग एवं भ्रष्टाचार व गबन का बताया मामला
पूर्व कैबिनेट मंत्री राजा अरिदमन सिंह ने अपने पत्र में लिखा कि, ‘आगरा में 90 से ज्यादा छोटे बड़े नाले हैं. इनमें 61 नाले अभी तक टेप नहीं हुए हैं. यह नाले सीधे यमुना में गिरते हैं. जबकि, यमुना एक्शन प्लान के तहत 10 हजार करोड़ का निष्फल व्यय शासकीय धन के दुरुपयोग एवं भ्रष्टाचार व गबन की श्रेणी में आता है. इसकी जांच में दोषी पाए जाने वाले अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाए’.
समीक्षा भी नहीं की गई
पूर्व मंत्री राजा अरिदमन सिंह ने नगर विकास मंत्री को भेजे पत्र में लिखा कि 10 हजार करोड़ के खर्च के संबंध में किसी भी स्तर पर समीक्षा नहीं की गई है. जिला नियोजन अनुश्रवण समिति एवं जिला प्रभारी मंत्री की समीक्षा बैठकों में इस धनराशि के व्यय की समीक्षा नहीं कराई गई है. डीएम आगरा और कमिश्नर आगरा की मासिक और त्रैमासिक समीक्षा बैठकों में भी इसकी समीक्षा नहीं कराई गई है. इस धनराशि के खर्च की भौतिक वित्तीय प्रगति की सूचना सांसद और विधायक को भी नहीं दी गई है.