लखनऊ। सहकारिता विभाग की संस्थाओं में सपा शासनकाल में नियमों को ताक पर रखकर भर्तियां करने वाले सेवा मंडल के तत्कालीन पदाधिकारियों और अफसरों के खिलाफ एसआईटी ने बड़ी कार्रवाई की है. 2000 से अधिक पदों पर भर्ती में अनियमितता के मामले में एसआईटी ने सहकारिता सेवा मंडल और संस्थाओं के कई पदाधिकारियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करवाया है.
21 मई को एसआईटी ने इन लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करवाया था. इसमें यूपीसीडी के एमडी को भी नामजद किया गया है. बता दें कि सहकारिता भर्ती घोटाले की जांच एसआईटी कर रही थी. जांच के दौरान एसआईटी ने अपनी रिपोर्ट गृह विभाग को भेजी थी. रिपोर्ट के आधार पर आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के लिए शासन की अनुमति मांगी गई थी. सपा शासनकाल में 2012 से 2017 के बीच सहकारिता विभाग की संस्थाओं में बड़ी तादाद में भर्तियां की गई थीं. प्रदेश में भाजपा की सरकार बनने के बाद शिकायत मिलने पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इन भर्तियों की जांच एसआईटी को सौंपी थी.
सपा शासन काल में चहेतों को दी गई थी नौकरी
एसआईटी ने उ.प्र. सहकारी बैंक लि. में सहायक प्रबंधक के पदों पर भर्ती में हुई अनियमितताओं का खुलासा अपनी जांच में पहले ही कर दिया था. सपा शासन काल में इस भर्ती में विज्ञापन निकलने के बाद अहर्ता बदले जाने और अन्य अनियमितताएं कर चहेतों को नौकरियां दी गई थी. एसआईटी रिपोर्ट के आधार पर इस भर्ती मामले के दोषियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर अन्य कार्रवाई भी की जा चुकी हैं.
FIR में ये लोग शामिल
93 पदों पर भंडारण निगम भर्ती घोटाले में एसआईटी ने जांच के बाद लखनऊ ग्रामीण में एफआईआर दर्ज कराई है. एफआईआर में पूर्व एमडी ओमकार यादव, पूर्व सचिव सेवामंडल भूपेंद्र सिंह, भर्ती एजेंसी की कर्ता-धर्ता नीलम पांडेय आदि लोग भी शामिल हैं. पूर्व एमडी ओमकार यादव और सेवामंडल अध्यक्ष थे. एफआईआर में सेवामंडल के कई अफसर भी नामजद हैं. इन सभी पर ओएमआर शीट बदलने और हार्ड डिस्क गायब करने का भी आरोप है.