पश्चिम बंगाल में चुनावी नतीजों के बाद भड़की हिंसा को लेकर राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने एक बार फिर चिंता जताई है। उन्होंने राज्य की ममता बनर्जी सरकार पर इस संबंध में जवाब नहीं देने का आरोप लगाया है। साथ ही कहा है कि प्रशासनिक असहयोग के बावजूद वे हिंसा प्रभावित इलाकों के दौरे पर जाएँगे।
राज्यपाल ने कहा कि चुनावी नतीजों के बाद राज्य के हालात बेहद चिंताजनक हैं। राजनीतिक बदले की हिंसा, आगजनी, लूट की घटनाएँ अब डराने-धमकाने और जबरन वसूली तक पहुँच गई है। राज्यपाल ने यह बात ऐसे समय में कही है जब सोमवार (10 मई 2021) को ही राज्य में 43 मंत्रियों ने शपथ ली है। इससे पहले उन्होंने 5 मई को भी हिंसा पर चिंता जताई थी, जब ममता बनर्जी ने लगातार तीसरी बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी।
Post poll, we are in a deep crisis in the State. Retributive violence, acts of arson, loot now have graduated to intimidation and extortion. This is worrisome: Jagdeep Dhankar, West Bengal Governor pic.twitter.com/I30GvZap6N
— ANI (@ANI) May 10, 2021
राज्यपाल धनखड़ ने कहा है कि अपने संवैधानिक दायित्वों के तहत उन्होंने प्रभावित इलाकों का दौरान करने का फैसला किया। इस संबंध में राज्य सरकार से आवश्यक इंतजाम करने को कहे। लेकिन, राज्य सरकार की प्रतिक्रिया बेहद दुर्भाग्यपूर्ण थी। उन्होंने कहा कि इसके बावजूद वे आने वाले दिनों में हिंसा प्रभावित क्षेत्रों में जाएँगे।
उन्होंने कहा कि हिंसा को लेकर राज्य सरकार के रवैए को उनसे बेहतर कोई नहीं जानता। कोई जवाबदेही नहीं है। तीन मई को इस संबंध में राज्य के डीजीपी, कोलकाता के पुलिस कमिश्नर और एडिशनल होम सेक्रेटरी से रिपोर्ट तलब की थी, जो अब तक नहीं मिली है। अधिकारियों ने एडिशनल चीफ सेक्रेटरी होम को रिपोर्ट भेजी, पर उन्होंने आज तक ये रिपोर्ट मुझे फॉरवर्ड नहीं की है। राज्यपाल ने कहा कि जमीनी हालात बेहद खराब हैं, लेकिन सरकार का रवैया ऐसा है जैसे कोई हिंसा ही नहीं हुई हो।
हेलिकॉप्टर माँगा तो कहा-पायलट के साथ दिक्कत है
राज्यपाल का कहना है कि उन्होंने प्रभावित इलाकों में जाने के लिए हेलिकॉप्टर की माँग की थी। लेकिन इसका कोई जवाब नहीं मिला। अनाधिकारिक तौर पर उन्हें बताया गया कि हेलिकॉप्टर और पायलट्स के साथ कुछ समस्या है। उन्होंने पूछा कि क्या संवैधानिक मुखिया को सूचना देने का ये तरीका होता है। साथ ही यह भी कहा कि कोलकाता पुलिस कमिश्नर ने जो रिपोर्ट उन्हें देने के लिए चीफ सेक्रेटरी होम को भेजी थी, वह भी उन्हें नहीं दी गई।
गौरतलब है कि पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के नतीजे दो मई को आए थे। नतीजों में तृणमूल कॉन्ग्रेस की जीत तय होते ही राजनीतिक खून खराबे का नया दौर शुरू हो गया था। टीएसमी के गुंडों पर विपक्षी दलों खासकर बीजेपी के कार्यकर्ताओं, उनके घरों और दफ्तरों को निशाना बनाने का आरोप है। बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा द्वारा पार्टी के 14 कार्यकर्ताओं की हत्या होने की बात कहे जाने बाद से भी पार्टी की राज्य ईकाई कुछ और कार्यकर्ताओं की हत्या का दावा कर चुकी है। इस हिंसा में पिछले मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी 16 लोगों की मौत की पुष्टि की थी। केंद्रीय गृह मंत्रालय की चार सदस्यीय फैक्ट फाइंडिंग टीम भी राज्य का दौरा कर चुकी है।