नई दिल्ली। कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच दिल्ली में ऑक्सीजन सिलेंडरों और दवाओं की कालाबाजारी पर हाई कोर्ट ने केजरीवाल सरकार को फटकार लगाई है। हाई कोर्ट ने कहा कि दिल्ली सरकार की व्यवस्था विफल हो गई है, क्योंकि ऑक्सीजन सिलेंडरों और दवाओं का कालाबाजारी जारी है।
दिल्ली के शांति मुकुंद अस्पताल ने हाई कोर्ट में बताया कि उसे जितनी पर्याप्त ऑक्सीजन मुहैया नहीं कराया गया। अब अस्पताल के पास ऑक्सीजन नहीं है। इस पर दिल्ली सरकार ने कहा कि वह अपनी ओर से पूरी कोशिश कर रही है। शांति मुकुंद अस्पताल ने बताया कि उसे रोजाना 3 मीट्रिक टन ऑक्सीजन चाहिए, पर मिला सिर्फ 2.69 मीट्रिक टन। हाई कोर्ट ने अस्पताल से पूछा कि अब क्या स्थिति है, इस पर उन्होंने जवाब दिया कि मरीज मर रहे हैं।
यह वक्त ‘गिद्ध’ बनने का नहीं: HC
अस्पताल का जवाब सुनकर दिल्ली हाई कोर्ट ने कहा कि आखिर सरकार कर क्या रही है, हम तो इस सरकार से तंग आ गए हैं, आखिर ऑक्सीजन कहाँ पर है। कोर्ट ने केजरीवाल सरकार को फटकार लगाते हुए कहा कि ऑक्सीजन रिफिलर्स के खिलाफ कार्रवाई की जाए। कोर्ट का गुस्सा सुनवाई में आए एक सप्लायर पर भी फूटा और बेहद सख्त लफ्जों में नसीहत देते हुए कहा कि यह वक्त ‘गिद्ध’ बनने का नहीं है।
सुनवाई के दौरान कोर्ट में मुल्तान नाम का एक सप्लायर भी पेश हुआ। अदालत ने उससे कहा कि दिल्ली सरकार के आदेशों के मुताबिक वह अस्पतालों को ऑक्सीजन की सप्लाई कर रहे हैं क्या? कोर्ट ने इसके बाद सप्लायर को नसीहत देते हुआ कहा कि यह वक्त गिद्ध बन जाने का नहीं है। क्या यह कोई अच्छी मानवीय भावना है?
दिल्ली सरकार को HC की फटकार
देश की राजधानी में ऑक्सीजन की कमी और मरीजों को हो रही दिक्कत पर दिल्ली सरकार को फटकार लगाते हुए कोर्ट ने कहा, “आप का सिस्टम किसी काम नहीं है। आपका सिस्टम पूरी तरह से फेल है। कालाबाजारी पर लगाम तक नहीं लगा पा रहे हैं आप।” हाई कोर्ट ने सवाल किया कि कैसे लोग इस वक्त पर भी जरूरी दवाइयों की जमाखोरी कर पा रहे हैं। दिल्ली हाई कोर्ट ने दिल्ली सरकार से कहा कि वे उन प्लांट को टेकओवर कर ले जो हमारे आदेशों के बावजूद सुनवाई में शामिल नहीं हुए।
हाई कोर्ट ने इनके खिलाफ अवमानना कार्रवाई को नोटिस भेजे जाने की चेतावनी दी। हाई कोर्ट ने सरकार से कहा कि वह इन्हीं प्लांट के स्टाफ से उन प्लांट को चलाएँ और ऑक्सीजन का आवंटन करें। दिल्ली हाईकोर्ट ने आदेश दिया कि सरकार तुरंत शांति मुकुंद अस्पताल को आवश्यक ऑक्सीजन मुहैया कराए।
Delhi High Court says if you (Delhi Government) are not going to be able to manage then tells us, we will ask Centre Govt officer to take over (the refilling unit)
— ANI (@ANI) April 27, 2021
इसके साथ ही दिल्ली हाई कोर्ट ने केजरीवाल सरकार से कहा कि यदि आप से स्थिति नहीं सँभल रही तो हमें बताइए, हम केंद्र को सँभालने के लिए कहेंगे। हम इस तरह से लोगों को मरने नहीं दे सकते। हाई कोर्ट ने कहा कि दिल्ली सरकार को ऑक्सीजन के डिस्ट्रीब्यूशन के लिए ही नहीं, ऑक्सीजन सिलेंडर के लिए भी कमर कसनी चाहिए।
Delhi HC says Delhi Govt has to pull up its socks with respect to the distribution of not only liquid oxygen but also oxygen cylinders. There’s no account being kept on how they’re further supplying O2 to hospitals/individuals, leading to an artificial black market, says Court
— ANI (@ANI) April 27, 2021
दिल्ली HC ने 5 कंपनियों के खिलाफ जारी किया अवमानना का नोटिस
दिल्ली हाई कोर्ट ने पाँच ऑक्सीजन रिफिलर्स कंपनियों के खिलाफ अवमानना का नोटिस जारी किया है। ये कंपनियाँ हाई कोर्ट के आदेश के बावजूद सुनवाई के दौरान मौजूद नहीं थी। कोर्ट ने एक सप्लायर तरुण सेठ से कहा कि हम आपको अभी कस्टडी में ले लेंगे। आप अस्पतालों को ऑक्सीजन सप्लाई क्यों नहीं कर रहे हैं? आप हमें बेवकूफ समझते है?
बता दें कि सुनवाई के दौरान सप्लायर तरुण सेठ ने दावा किया कि उन्हें सिर्फ 4 अस्पतालों को ऑक्सीजन सप्लाई के लिए कहा गया है। लेकिन कोर्ट ने इस झूठ को पकड़ लिया। जिसके बाद दिल्ली सरकार को सेठ एयर को टेकओवर करने के निर्देश दिए।
रेमडेसिविर को लेकर बिफरा हाई कोर्ट
केजरीवाल सरकार ने दिल्ली हाई कोर्ट में कहा कि उनके पास रेमडेसिविर की सीमित सप्लाई है। जिस पर कोर्ट ने पूछा कि क्या सप्लाई की समस्या पर केंद्रित पोर्टल बनाया जा सकता है जिससे इस समस्या से निपटने में मदद मिले? कोर्ट ने कहा कि घर पर रह रहे मरीजों को रेमडेसिविर ना देने के दिल्ली सरकार का आदेश गलत है, इससे आप पीड़ित की जान ले रहे हैं। अगर आपके अस्पताल में बेड उपलब्ध होते तो अलग बात होती, लेकिन आपके पास नहीं है तो फिर आप ऐसा कैसे कह सकते हैं कि आप अस्पताल में एडमिट नहीं हैं तो आपको रेमडेसिविर नहीं दी जाएगी। कोर्ट ने कहा कि यह काफी मुश्किल समय है। लोग घर पर ही खुद अपना इलाज कर रहे हैं तो सरकार को भी सहयोग करना चाहिए।