मंगलुरु: कोरोना के बीच बेटे संग रेव पार्टी में पहुंचीं महिला हेड कॉन्स्टेबल, हुईं निलंबित

देश में कोरोना के मामले काफी तेजी से बढ़ रहे हैं और रोज नए रिकॉर्ड कायम हो रहे हैं. बढ़ते मामलों के साथ हर राज्य में पाबंदियों का दायरा भी बढ़ता दिख रहा है. कहीं पर वीकेंड लॉकडाउन लग गया है तो कहीं पर संपूर्ण लॉकडाउन के आसार दिख रहे हैं. इस बीच कर्नाटक के मंगलुरु से चौंकाने वाली घटना सामने आई है जहां पर एक महिला हेड कॉन्स्टेबल श्रीलता अपने बेटे संग रेव पार्टी में पहुंच गईं. हैरानी की बात ये रही कि वो महिला आर्थिक अपराध और नॉरकोटिक्स पुलिस स्टेशन में तैनात थीं, ऐसे में उनका इस रेव पार्टी में पहुंचना कई तरह के सवाल खड़े कर गया. श्रीलता को निलंबित कर दिया गया है.

बेटे संग रेव पार्टी में पहुंचीं महिला हेड कॉन्स्टेबल

समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक रेव पार्टी हासन जिले के अलुर तालुक बाह्य क्षेत्र में 10 अप्रैल को हुई थी. अलुर पुलिस ने सुराग मिलने के बाद एक रिजॉर्ट में चल रही रेव पार्टी पर छापा मार 130 युवाओं को पकड़ा था. इनमें से अधिकतर बेंगलुरु, मंगलुरु, गोवा और अन्य जगह से आए थे. पुलिस ने मौके से शराब, गांजा और अन्य नशीले पदार्थ भी जब्त किए. इसके अलावा वहां से 50 टू-व्हीलर्स और 20 कार भी सीज किया. आरोप है कि कुछ युवाओं के वाहन पर इमरजेंसी ड्यूटी के स्टिकर्स भी चिपके हुए थे. पुलिस के मुताबिक रेव पार्टी में हिस्सा लेने वालों ने ऑनलाइन ही अपने आने की एडवांस में पुष्टि की थी. रेव पार्टी कहां होनी है, आयोजकों ने लोकेशन की जानकारी उन्हें ऐन मौके पर दी.

वहीं रिजॉर्ट के मालिक गगन को भी पुलिस ने हिरासत मे लिया है. पुलिस ने नॉरकोटिक्स ड्रग्स एंड साइकोट्रॉपिक सब्सटेंसेस एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया है. वहीं निलंबित हुईं महिला हेड कॉन्स्टेबल को लेकर कहा गया है कि वे ना सिर्फ उस रेव पार्टी में शामिल हुईं बल्कि उन्होंने अपनी पोस्ट का अच्छे से दुरुपयोग भी किया.

प्रशासन पर उठे गंभीर सवाल

कोरोना काल में इस प्रकार के केस का सामने आना चिंता बढ़ा जा रहा है. जो पुलिस इस समय लोगों के खिलाफ सख्ती दिखा रही है, मास्क ना पहनने पर जुर्माना वसूल कर रही है, उन्हीं के डिपार्टमेंट की एक महिला हेड कॉन्स्टेबल का रेव पार्टी में जाना न सिर्फ हैरान करता है, बल्कि आम नागरिकों को आक्रोशित भी कर जाता है. वैसे इस समय तो कर्नाटक में कोरोना की जैसी स्थिति देखने को मिल रही है, ऐसी घटनाएं प्रशासन पर भी गंभीर सवाल खड़े कर जाती हैं.