रिपब्लिक टीवी ने सूचना दी है कि मुंबई पुलिस के द्वारा न्यूज एवं मीडिया समूह के विरुद्ध दर्ज की गई सभी ‘चैप्टर प्रोसीडिंग्स’ को रद्द कर दिया गया है। चैप्टर प्रोसीडिंग्स निवारक प्रवृत्ति की होती हैं और पुलिस संदेह के आधार पर किसी व्यक्ति अथवा संस्था के विरुद्ध इनका उपयोग कर सकती है।
रिपब्लिक टीवी ने सोशल मीडिया पर इसकी सूचना देते हुए कहा, “हमें यह बताते हुए खुशी हो रही है कि रिपब्लिक मीडिया नेटवर्क के प्रमुख संपादक अर्नब गोस्वामी के विरुद्ध मुंबई पुलिस द्वारा शुरू की गईं सभी चैप्टर प्रोसीडिंग्स पूरी तरह से रद्द कर दी गई हैं। यह सत्य की जीत है और उनकी हार है जो भारत के सबसे पसंदीदा न्यूज ब्रांड के विरुद्ध साजिश कर रहे थे।”
रिपब्लिक ने आगे कहा, “इन चैप्टर प्रोसीडिंग्स के साथ रिपब्लिक के खिलाफ किए जा रहे सारे षड्यंत्र भी खत्म हो गए। सत्य को कहने का साहस रखने वाले और राष्ट्रवादी मीडिया नेटवर्क के लिए यह एक बड़ी जीत है। साथ ही प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) का ऑर्डर भी यही कहता है कि हमारे खिलाफ लगाए गए आरोप मनगढ़ंत, गलत और निराधार हैं।”
रिपब्लिक ने अपने स्टेटमेंट में कहा कि जो वास्तविक अपराधी थे, सजिशकर्ता थे, आज वो हार चुके हैं और रिपब्लिक की यह जीत सत्य कहने, लोगों के हित को प्राथमिकता देने और राष्ट्र को सर्वोपरि रखने की अर्नब गोस्वामी की विरासत का परिणाम है।
अपने समर्थकों को धन्यवाद देते हुए मीडिया नेटवर्क ने कहा कि उन सभी समर्थकों का हृदय से धन्यवाद जिन्होंने हमेशा साथ रहकर सत्य की लड़ाई लड़ी और यह साबित किया कि सत्य कभी भी पराजित नहीं हो सकता है, चाहे झूठ कितना भी क्यों न चिल्लाए।
मुंबई पुलिस ने कथित मुट्ठीभर साक्ष्यों के बल पर रिपब्लिक टीवी को टीआरपी घोटाले में घसीटने का प्रयास किया। बाद में यह साफ हो गया था कि महा विकास अघाड़ी सरकार की आलोचना, सुशांत सिंह राजपूत के केस और पालघर में साधुओं की मॉब लिन्चिंग पर रिपब्लिक की लगातार रिपोर्टिंग के कारण मुंबई पुलिस ने रिपब्लिक नेटवर्क के विरुद्ध एजेंडा चलाया था।