लखनऊ। एसजीपीजीआई में तैनात संविदा कर्मचारी की मंगलवार को कोरोना की ड्यूटी के दौरान तबीयत खराब हो गई. आरोप है कि पीजीआई प्रशासन द्वारा इलाज न किए जाने के कारण आसमयिक निधन हो गया. इस घटना के बाद प्रशासन द्वारा मामला दबाने की बात सामने आई है.
जानें क्या है पूरा मामला
संजीव आउटसोर्सिंग व्यवस्था से एसजीपीजीआई के अध्यक्ष रितेश मल्ल ने बताया कि संयुक्त स्वास्थ्य आउटसोर्सिंग और संविदा कर्मचारी संघ के सीसीएम विभाग में टेंडेंट के पद पर तैनात थे. जिनकी 28 मार्च से कोरोना में ड्यूटी लगाई गई थी. आरोप है कि कोविड ड्यूटी के दौरान 4 अप्रैल को सीने में तेज दर्द होने पर पीजीआई में डॉक्टर ने उनका इलाज करने के बजाय घर भेज दिया. अस्पताल जाते वक्त रास्ते में कर्मचारी की मौत हो गयी. बता दें कि संविदाकर्मी बेहद कम वेतन पर वर्तमान महामारी में भी मरीज की सेवा कर रहा था. ऐसे में इन कर्मचारियों का ही इलाज न होना एक गंभीर मामला है. वहीं पीजीआई के सम्बंधित विभाग में तैनात डॉक्टर या जिम्मेदार अधिकारी द्वारा कर्मचारी की जान के साथ खिलवाड़ करना बेहद शर्मनाक है.
1 सदस्य को मिले नौकरी
परिजनों का कहना है कि इस मामले में दोषी डॉक्टर और जिम्मेदार अधिकारी के खिलाफ सख्त कार्रवाई अत्यंत आवश्यक है. मृतक कर्मचारी के परिवार को मुआवजा और परिवार के किसी एक सदस्य को संविदा पर एसजीपीजीआई में नौकरी की मांग की है.