नई दिल्ली। दिल्ली सरकार और केंद्र सरकार के बीच तकरार बढ़ती जा रही है. दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार का आरोप है कि केंद्र ने उनकी ‘हर घर राशन डिलीवरी’ की योजना पर रोक लगा दी है.
दिल्ली में 25 मार्च से केजरीवाल सरकार इस योजना को लॉन्च करने वाली थी. इस योजना का नाम मुख्यमंत्री घर-घर राशन योजना नाम दिया गया है.
सूत्रों के मुताबिक, केंद्र सरकार ने दिल्ली सरकार के खाद्य आपूर्ति सचिव को लिखी है और अपील की है कि इस योजना को शुरू ना करें. आम आदमी पार्टी ने ट्वीट कर भी आरोप लगाया है कि मोदी सरकार राशन माफिया खत्म करने के खिलाफ क्यों है?
दिल्ली सरकार का ड्रीम प्रोजेक्ट
आपको बता दें कि राशन डिलीवरी योजना दिल्ली सरकार के सबसे खास प्रोजेक्ट में से एक है, जिसका ऐलान जनवरी में किया गया था. इस स्कीम के तहत हर दिल्लीवासी को जो राशन लेने के लिए सरकारी दुकान पर आना पड़ता था, उसकी छुट्टी हो जाएगी.
लोगों के पास इस स्कीम के तहत ऑप्शन रहेगा अगर किसी को होम डिलीवरी चाहिए तो वो मिल सकेगी, कोई दुकान से लेना चाहेगा तो वैसा ऑप्शन भी चालू रहेगा. इस स्कीम के तहत चीनी, चावल, गेहूं, आटा समेत अन्य सुविधाएं दी जाएंगी.
गौरतलब है कि दिल्ली सरकार और केंद्र सरकार के बीच पहले ही NCT-एक्ट के संशोधित बिल को लेकर विवाद हो रहा है. केंद्र सरकार संसद में एक बिल लाई है, जिसके तहत दिल्ली में उपराज्यपाल के अधिकारों में बढ़ोतरी होगी. बिल के मुताबिक, दिल्ली सरकार को कोई कानून बनाने से पहले उपराज्यपाल को सूचित करना होगा और मंजूरी लेनी होगी.
दिल्ली सरकार केंद्र के इस बिल का विरोध कर रही है. बीते दिनों मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल समेत पूरी दिल्ली कैबिनेट ने जंतर-मंतर पर धरना भी दिया था और केंद्र के इस बिल का विरोध भी किया.