अहमदाबाद। सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें एक मुस्लिम व्यक्ति गुजरात के सोमनाथ मंदिर को ध्वस्त कर के उसे लूटने वाले इस्लामी आक्रांता महमूद गजनी का गुणगान करता दिख रहा है। सोमनाथ मंदिर से कुछ ही दूर पर स्थित एक बीच पर जाकर उक्त व्यक्ति ने ये वीडियो खुद ही बनाया है। लोगों ने गुजरात पुलिस को आगाह किया है कि ये हमारे मंदिरों पर खतरे की धमकी भी हो सकती है।
इस वीडियो में वो व्यक्ति “बिस्मिल्लाह ए रहमान ए रहीम” से अपनी बात की शुरुआत करते हुए बताता है कि वो गुजरात के उस सोमनाथ मंदिर के पास आया हुआ है, जिसे कभी महमूद गजनवी और मोहम्मद इब्ने काजिम ने ‘फतह’ किया था। इसके बाद वो कैमरे को मंदिर की तरफ घूमा कर दिखता है कि सामने ही मंदिर नजर आ रहा है। बीच पर कई अन्य लोग भी टहलते हुए दिख रहे हैं। वो बताता है कि इसी दरिया से मोहममद इब्ने काजिम की फ़ौज आई थी।
वो व्यक्ति उस वीडियो में कहता है, “ये दरिया पाकिस्तान से भी जुड़ता है। ये वही सोमनाथ मंदिर है जिसे आप देख रहे हैं, जिसे महमूद गजनवी ने तबाह किया था। उसका इतिहास आप पढ़ते हैं। मुस्लिमों का जो इतिहास है, वो काफी उज्ज्वल इतिहास है। हमें किसी के सामने दबने या झुकने की ज़रूरत नहीं है। अलहमदुलिल्लाह हमारे पूर्वजों ने बड़े-बड़े कारनामे किए थे। हमें उन कारणों को खुद भी पढ़ना चाहिए और दूसरों को भी पढ़ाना-दिखाना चाहिए।”
— Chints (@DieuOfBlckPearl) March 15, 2021
उसने मुस्लिमों को सलाह देते हुए कहा कि हमारे कारनामे रोशन बाग़ के अंदर लिखे हुए हैं और जरूरत है कि अभी वाली नस्ल अपने पूर्वजों के उन कारनामों को पढ़े, जैसे महमूद गजनवी ने दरिया को पार कर के पूरे हिंदुस्तान को ‘फतह’ किया था। उसने कहा कि आज का इतिहास भले ही उन्हें चोर-डाकू या जो भी कहे, लेकिन असली इतिहास उन्हें दीन और इस्लाम का प्रसार करने वाला बताया है।
How can these two opposite ideas remain in ‘peaceful co-existence’ – one revering Somnath temple and another hailing Mohd Gaznavi for desecrating Somnath temple? The bloodied partition should have settled at least thatpic.twitter.com/5xuVM3iSwF
— Swati Goel Sharma (@swati_gs) March 16, 2021
साथ ही उसने एक शेर भी पढ़ा – ‘दूर बैठा कोई तो दुआएँ देता है, मैं डूबता भी हूँ तो समंदर उछाल देता है।’ उसने अंत में सोमनाथ मंदिर की तरफ इशारा करते हुए कहता है कि ये मंदिर यहाँ से आधा किलोमीटर दूर ही है और वो वहाँ भी गया था। बता दें कि महमूद गजनवी एक लुटेरा था, जिसने भारत के मंदिरों के धन को देख कर यहाँ 17 बार हमला किया था। उसने सोमनाथ मंदिर को तबाह कर दिया था।
आज़ादी के बाद केएम मुंशी और सरदार पटेल के प्रयासों से सोमनाथ मंदिर का जीर्णोद्धार हुआ। जब सरदार पटेल के प्रयासों के बाद मंदिर का निर्माण शुरू हुआ तो भारत के प्रथम राष्ट्रपति डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद को इसके उद्घाटन के लिए निमंत्रण भेजा गया, जिस पर नेहरू बिफर गए। उन्होंने डॉक्टर प्रसाद को पत्र लिख कर कहा था कि वो किसी ‘संप्रदाय को बढ़ावा देने’ वाले कार्यक्रम में शामिल न हों। पत्र-पत्रिकाओं में इससे जुड़ी खबरें छपने ही नहीं दी गईं।