मुंबई। मुंबई में एंटीलिया के बाहर संदिग्ध कार मिलने के मामले में NIA के एक्शन से महाराष्ट्र में सियासी हलचल शुरू हो गई है. शिवसेना सांसद संजय राउत ने इसे लेकर चौंकाने वाला बयान दिया है. उनका कहना है कि इस मामले में NIA की जांच की जानकारी पहले ही विपक्ष के नेता देवेंद्र फडणवीस तक पहुंचती रही. यह राज्य सरकार के लिए अच्छे संकेत नहीं है.
शिवसेना के मुखपत्र में संजय राउत का यह बयान तब आया है जब बीती रात ही लंबी पूछताछ के बाद NIA ने इस मामले में महाराष्ट्र पुलिस के अधिकारी सचिन वाजे को गिरफ्तार कर लिया है. बीजेपी अब ये मांग कर रही है कि सचिन वाजे का नार्को टेस्ट कराया जाए ताकि महाराष्ट्र सरकार और उनके लिंक की सच्चाई सामने आ सके.
इस बीच संजय राउत ने अपने लेख में लिखा है कि इस मामले की जांच NIA को इसलिए दी गई है ताकि राज्य सरकार पर दवाब बनाया जा सके. उन्होंने लिखा कि केंद्रीय जांच एजेंसियों का इस्तेमाल राज्य सरकार पर दबाव बनाने के लिए किया जा रहा है.
राउत ने दावा किया है कि इस मामले की जानकारी विपक्ष के नेता देंवेंद्र फडणवीस तक पहले पहुंचती रही. यह राज्य सरकार के लिए अच्छे संकेत नहीं है. फडणवीस को बतौर नेता विपक्ष अपना खोया हुआ आत्मविश्वास डेढ़ साल बाद वापस मिला है. उन्हें राज्य सरकार को एक मुद्दे पर घेरने का मौका मिल गया है. विधानसभा में सत्र के दौरान चार दिन तक फडणवीस पर फोकस रहा था.
एंटीलिया केस में NIA के जांच की बात जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि इस मामले की जांच NIA को तब सौंपी गई जब बीजेपी ने विधानसभा में इस मामले को उठाया था. केंद्र सरकार ने इसकी जांच एजेंसी को क्यों सौंपी क्योंकि यह बीजेपी के लिए संभव था. बीजेपी केंद्र में है. यह महाराष्ट्र जैसे राज्यों पर दबाव बनाने का पैंतरा है.
राउत ने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि, बीजेपी पूजा चव्हाण और मनसुख हिरेन की मौत के मामले की जांच की मांग तो कर रही है लेकिन सांसद मोहन डेल्कर की आत्महत्या पर शांत है. उन्होंने प्रिविलेज कमेटी के सामने यह बात कही थी कि दादर-नगर हवेली प्रशासन उनका तिरस्कार कर रहा है. अगर यह जारी रहा तो वह आत्महत्या कर लेंगे. राउत ने कहा कि संसद को कार्रवाई के लिए इस मामले में और क्या सबूत चाहिए.