नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव में मिली हार के बाद राहुल गांधी ने कांग्रेस अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था, जिसके बाद पार्टी की कमान सोनिया गांधी के हाथों में है. डेढ़ साल के बाद भी कांग्रेस को पूर्णकालिक अध्यक्ष नहीं मिल सका है. कांग्रेस में एक धड़ा है जो पार्टी के संकट के लिए ‘गांधी परिवार’ को खासकर राहुल गांधी को दोषी मानता है जबकि एक गुट उन्हें दोबारा से अध्यक्ष बनाने की मांग कर रहा है.
कांग्रेस के मौजूदा राजनीतिक हालात को लेकर अक्सर सवाल उठाया जाता है कि राहुल गांधी पार्टी के लिए समस्या या समाधान हैं? इस पर चिदंबरम ने कहा कि 99 फीसदी कांग्रेस कार्यकर्ता राहुल गांधी को अपना नेता मानते हैं और उन्हें अध्यक्ष के रूप में देखना चाहते हैं.
चिदंबरम ने कहा कि मुझे नहीं पता कि राहुल गांधी कांग्रेस के अध्यक्ष का चुनाव लड़ने जा रहे हैं या नहीं. राहुल चुनाव लड़ भी सकते हैं और नहीं भी. कांग्रेस अध्यक्ष के लिए अन्य उम्मीदवार भी हो सकते हैं, लेकिन पार्टी मई के बाद जल्द ही कांग्रेस अध्यक्ष का चुनाव करेगी.
चिदंबरम ने कहा कि एक पार्टी का नेता केवल पार्टी के सदस्यों द्वारा चुना जा सकता है. मैंने यह भी सुझाव दिया था कि श्रीमती गांधी को अंतरिम अध्यक्ष बनना चाहिए. मैंने कहा था कि पार्टी में पूर्णकालिक अध्यक्ष होना चाहिए. मेरा अब भी मानना है कि चुनाव होना चाहिए, और मुझे लगता है कि विधानसभा चुनाव के बाद चुनाव होगा. उन्होंने कहा कि सोनिया गांधी और राहुल गांधी भी कांग्रेस के चुनाव के लिए सहमत हैं.
बता दें कि कांग्रेस में पूर्वकालिक अध्यक्ष और संगठन के चुनाव कराने की मांग को लेकर गुलाम नबी आजाद की अगुवाई में पार्टी के 23 नेताओं ने पिछले साल अगस्त में सोनिया गांधी को पत्र लिखा था. साथ ही इन नेताओं ने गांधी परिवार पर सवाल खड़े किए थे. कांग्रेस के जी-23 नेताओं ने मांग की थी कि कांग्रेस संगठन का चुनाव कराया जाए ताकि पार्टी जमीन पर दिखाई दे सके. इसके बाद कांग्रेस दो धड़ों में बंटी दिख रही है.
कांग्रेस में लोकतंत्र बहाली और अध्यक्ष के चुनाव पर चिदंबरम ने कहा, ‘सोनिया गांधी और राहुल गांधी कभी इससे इनकार नहीं करते रहे हैं कि पार्टी में चुनाव होने चाहिए. लेकिन मेरे कुछ मित्र जिस तरह से बाहर खुलकर बोल रहे हैं मैं उससे सहमत नहीं. मैंने अपने दोस्तों को सलाह दी कि लेटर लिखने की जगह मिसेज गांधी से अपॉइंटमेंट लेकर बात करें. मिसेज गांधी का इरादा चुनाव कराने का है.’
क्या पिछले सालों के चुनावी नतीजों से नहीं दिखता कि कांग्रेस आईसीयू में चली गई है? इस सवाल के जवाब में चिदंबरम ने कहा, ‘पिछले 50 साल की अपनी राजनीति में मैंने विरोधियों को कई बार ऐसा कहते हुए सुना है. चाहे 1977 हो, 1998 या 2003. हर दल की तरह कांग्रेस में सियासी उतार-चढ़ाव आते रहे हैं. 2018-19 में कांग्रेस ने 5 विधानसभा चुनाव जीते थे. गोवा जैसे कई राज्यों में बीजेपी ने सरकार चुरा ली हमसे गवर्नरों की मदद से. अभी भी मणिपुर के 13 विधायकों की सदस्यता जाने का खतरा है. वहां भी एक सरकार अवैध तरीके से बनी हुई है.’
पांच राज्यों के हो रहे चुनाव को लेकर चिदंबरम ने कहा कि आने वाले विधानसभा चुनावों में कांग्रेस और उसका गठबंधन कई राज्यों में जीतेगा. उन्होंने कहा, ‘हमें भरोसा है कि केरल में जीतेंगे, हमारे गठबंधन को तमिलनाडु में भारी जीत मिलेगी. पिछली बार राजस्थान, छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश तीनों राज्यों में बीजेपी हारी थी और इस बार भी दक्षिण में बीजेपी कहीं नहीं जीतेगी तो आप क्या कहेंगे कि बीजेपी आईसीयू में चली गई है.’