कर्नाटक के कलबुर्गी जिले में 14 वर्षीय दलित लड़के की नृशंस हत्या के मामले में पुलिस ने दो को गिरफ्तार किया है। जानकारी के मुताबिक दलित लड़के की पड़ोस की मुस्लिम लड़की से दोस्ती थी। लड़की को उसने मोबाइल फोन गिफ्ट दिया था। आरोप है कि इसकी वजह से उसकी हत्या कर दी गई। मामले में गिरफ्तार महिलाओं की पहचान लड़की की अम्मी तरबी और उसकी दोस्त महबूबसाब के तौर पर हुई है। दोनों के खिलाफ आईपीसी की धारा 302 (हत्या) के तहत मामला दर्ज किया गया है।
पिछले महीने के अंत में दलित लड़के की हत्या कर शव कलबुर्गी जिले में भीमा नदी में फेंक दी गई थी। रिपोर्ट्स के मुताबिक, नारिबोल के एक सरकारी स्कूल के कक्षा 9 में पढ़ने वाले दलित लड़के की पड़ोस की कॉलोनी में रहने वाली 14 वर्षीय लड़की के साथ दोस्ती को लेकर बेरहमी से हत्या की गई।
ग्रामीणों द्वारा गाँव से कुछ किलोमीटर दूर भीमा नदी में एक शव को बरामद करने के बाद 27 फरवरी को यह घटना सामने आई थी। पुलिस ने घटनास्थल पर पहुँच शव को बाहर निकाला, जिसे बोरी में डालकर फेंका गया था। शव काफी हद तक खराब हो गया था। पुलिस ने परिवार वालों की मदद से शव की पहचान की। पुलिस के अनुसार, हत्या से पहले लड़के का नाक और गुप्तांग काट दिए गए थे।
स्वराज्य के अनुसार, मृतक लड़के के चाचा विश्वनाथ ने कहा कि उनका भतीजा 22 फरवरी की शाम को घर से यह कहकर निकला था कि वह मंदिर जा रहा है और 15 मिनट में वापस आ जाएगा। जब वह वापस नहीं आया, तो परिवार चिंतित हो गया और उन्होंने उसके दोस्तों से उसके ठिकाने के बारे में पूछताछ की।
परिवार को बाद में पता चला कि लड़के की गाँव की एक मुस्लिम लड़की से गहरी दोस्ती थी। मृतक लड़के के दोस्तों ने भी बताया कि उसने लड़की को एक मोबाइल फोन गिफ्ट किया था। इसके बाद लड़के के पिता और चाचा लड़की के घर पहुँचे। लड़की ने मोबाइल वापस किया और अंदर चली गई। इसके बाद, उन्होंने जेवरगी पुलिस स्टेशन में गुमशुदगी की शिकायत दर्ज करवाई।
पुलिस जाँच के दौरान पता चला कि लड़की की माँ ने लड़के को अपने घर की तरफ नहीं आने और अपनी बेटी से दूर रहने की चेतावनी दी थी। लड़की की माँ ने लड़के को ठिकाने लगाने के लिए अपने एक परिचित से मदद भी माँगी थी। पुलिस के अनुसार, 22 फरवरी को महबूबसाब लड़के को बात करने के बहाने दूर ले गई।
पाँच दिनों के बाद महेश का शव नारिबोला गाँव से कुछ किलोमीटर दूर पाया गया। ग्रामीण यह देखकर चौंक गए कि लड़के का प्राइवेट पार्ट और नाक कटा हुआ था। पुलिस ने मीडिया को भी यही बताया। नाबालिग लड़के के पिता मल्लिकार्जुन कोल्ली ने कहा कि उनके बेटे को गाँजा पीने और धूम्रपान करने के लिए मजबूर किया गया था। हत्यारों ने नशे की हालत में उसकी हत्या कर दी। पिता ने कहा, “अगर मेरा बेटा सही रास्ता पर नहीं था तो उसे मारने की बजाय उन्हें मुझसे बात करनी चाहिए थी।”
आईपीसी की धाराओं 363 (अपहरण), 302 (हत्या), 201 (सबूतों को गायब करना) और एससी/एसटी अत्याचार निवारण अधिनियम की धाराओं के तहत लड़की की माँ और उसके दोस्त महबूबसाब के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। पीड़ित परिवार ने कहा कि उन्हें एससी/एसटी अत्याचार निवारण अधिनियम के तहत राज्य सरकार से कुछ मुआवजा मिला है।
इस घटना को लेकर राज्य में बड़े पैमाने पर आक्रोश देखने को मिला। सामाजिक कार्यकर्ताओं और अभिनेताओं सहित कई लोगों ने निर्मम हत्या के खिलाफ प्रदर्शन किया और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की माँग की थी। एक्टिविस्ट और एक्टर प्रणिता सुभाष ने हत्या की निंदा करते हुए कहा कि मृतक किस पीड़ा से गुजरा होगा इसकी कल्पना करना असंभव है। उन्होंने कहा, “मुझे उम्मीद है कि अपराधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।”