‘भारत की समृद्ध परंपरा के प्रसार में सेक्युलरिज्म सबसे बड़ा खतरा’: CM योगी की बात से लिबरल गिरोह को सूँघा साँप

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रामायण विश्व महाकोश (ग्लोबल इनसाइक्लोपीडिया ऑफ द रामायण) की कर्टेन रेजर पुस्तक का विमोचन किया। इस अवसर पर सम्बोधन देते हुए उन्होंने सेक्युलरिज्म पर कुछ ऐसी बातें कही, जो लिबरल गिरोह को चुभ सकती है। उन्होंने कम्बोडिया के अंकोर वाट मंदिर के एक युवक की चर्चा की, जिसने उन्हें भगवान हनुमान के बारे में समझाया था। उन्होंने कहा कि वो बौद्ध था, लेकिन उसे पता था कि मूल रूप से वो हिन्दू है।

मुख्यमंत्री ने आगे कहा, “यहाँ इस तरह की चर्चा करने पर बहुत सारे लोगों के सेक्युलरिज्म को खतरा पैदा हो जाता है। ये सेक्युलरिज्म जो शब्द है- ये सबसे बड़ा खतरा है भारत की समृद्ध परम्पराओं को आगे बढ़ाने और वैश्विक मंच पर स्थान दिलाने में। ये सबसे बड़ी बाधा है। रूस में भी रामलीला का मंचन होता है। कई देशों में उनकी रामलीला है। दुनिया के सभी देशों को जोड़ कर हमें इसे आगे बढ़ाना है।”

ऊपर संलग्न किए गए वीडियो में आप 8:00 के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा सेक्युलरिज्म पर की जा रही बातों को सुन सकते हैं। सीएम ने कहा कि भगवान श्रीराम की परम्परा के माध्यम से भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को वैश्विक मंच पर स्थापित किया जाना चाहिए और इस कार्य में सभी भाषाओं, लोक परम्पराओं, लोककथाओं में भगवान श्रीराम के संबंध में उपलब्ध सामग्री का उपयोग किया जाना चाहिए।

उन्होंने कहा कि भगवान श्रीराम व रामायण के संबंध में जनसामान्य व संग्रहालयों आदि में उपलब्ध पांडुलिपियों को संग्रहित कर डिजिटल फॉर्म में लाने का प्रयास किया जाना चाहिए। यह प्रयास स्थानीय व राज्य स्तर के साथ-साथ वैश्विक स्तर पर भी किए जाने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम ने भगवान विष्णु का अवतार होने के बावजूद खुद को मानव से इतर प्रकट करने का प्रयास नहीं किया और उन्होंने मानवीय मर्यादाओं के अंदर ही अपनी लीलाओं को रचा, यही राम जी की महानता है।

सीएम योगी ने कहा, “ग्लोबल इनसाइक्लोपीडिया ऑफ रामायण प्रकृति और परमात्मा के समन्वय को दर्शाने का कार्य करेगा। यह विज्ञान और अध्यात्म के अनेक अनछुए पहलुओं को जानने का अवसर भी प्रदान करेगा।”