8-10 घंटे तक पानी में थी मनसुख हिरेन की बॉडी, चेहरे-पीठ पर जख्म के निशान: रिपोर्ट

मनसुख हिरेन की मौत कैसे हुई? इस सवाल का जवाब अब तक नहीं मिला है। लेकिन पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के हवाले से जो दावे किए जा रहे हैं उससे गुत्थी और उलझती दिख रही है। इसके मुताबिक हिरेन के चेहरे और पीठ पर जख्म के निशान मिले हैं। साथ ही यह भी बताया गया है कि शव मिलने से 12-13 घंटे पहले ही उनकी मौत हो चुकी थी।

रिपोर्टों के मुताबिक पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में मौत की वजह को लेकर स्पष्ट तौर पर कुछ नहीं ​कहा गया है। उनका विसरा जॉंच के लिए भेजा गया है। फोरेंसिक रिपोर्ट आने के बाद ही तस्वीर साफ होगी। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में डॉक्टरों ने अपनी राय रिजर्व रखी है। रिपोर्ट में कहा गया है कि मनसुख का मृत शरीर पानी में 8-10 घंटे तक डूबा रहा होगा। चेहरे, आँखों और पीठ पर जख्म मिले हैं। लेकिन ये किस तरह के जख्म हैं, यह नहीं बताया गया है।

मिडडे ने मनसुख के भाई विनोद हिरेन के हवाले से एक सनसनीखेज दावा किया था। इसके मुताबिक हत्या कर मनसुख को पानी में फेंका गया था। विनोद का दावा है यह बात उन्हें खुद पुलिस ने बताई है। उन्होंने कहा कि पुलिसकर्मियों ने डूबने को मौत का कारण बताया और साथ ही ये भी कहा था कि पानी में फेंके जाने से पहले ही उन्हें मार डाला गया था।

मनसुख हिरेन शुक्रवार (5 मार्च 2021) को मृत मिले थे। वह उस विस्फोटक लदी एसयूवी के मालिक थे जो कुछ दिन पहले मुंबई में मुकेश अंबानी के घर एंटीलिया के बाहर खड़ी मिली थी। एंटीलिया के बाहर मिले कार को लेकर परिजनों का कहना है कि वह चोरी हो गई थी और इसकी रिपोर्ट भी लिखाई गई थी।

इससे पहले मीडिया रिपोर्टों में बताया गया था कि परिजनों ने मनसुख का शव लेने से इनकार कर दिया है। इसके मुताबिक परिवार के सदस्यों ने शव लेने से इनकार करते हुए ऑटोप्सी रिपोर्ट सार्वजनिक करने की माँग की है। यह भी कहा है कि पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में इसका स्पष्ट जिक्र होना चाहिए कि हिरेन की मौत कैसे हुई। इसके बाद DCP (जोन 1) ने दावा किया कि उन्होंने परिजनों के घर जाकर रिपोर्ट में बताए गए मौत के कारण के बारे में समझाया है। मनसुख हिरेन गाड़ियों के पार्ट-पुर्जों की दुकान चलाते थे।

शुक्रवार को जब हिरेन की सुसाइड की खबरें सामने आई थी तो उनकी पत्नी विमला ने इसे खारिज कर दिया था। उनका कहना था कि उनके पति को क्राइम ब्रांच के किसी अधिकारी तावड़े का फोन आया था। उससे मिलने के लिए ही वे घर से निकले थे। उनके अनुसार जाँच के सिलसिले में यह मुलाकात घोड़बंदर में होनी थी। एंटीलिया के बाहर मिले कार को लेकर परिजनों का कहना है कि वह चोरी हो गई थी और इसकी रिपोर्ट भी लिखाई गई थी।

ये भी पता चला है कि मनसुख हिरेन ने मौत से पहले महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को पत्र लिखा था। उन्होंने इस पत्र में कहा था कि पीड़ित होने के बावजूद उनके साथ आरोपित की तरह व्यवहार किया जा रहा है। इसमें उन्होंने पुलिस अधिकारियों के साथ-साथ एक पत्रकार का नाम भी लिया था। उन्होंने कहा कि कि उनसे हिरासत में भी पूछताछ की गई, जिससे उनकी मानसिक प्रताड़ना हो रही है।