नरेंद्र मोदी स्टेडियम में खेले जाने वाले चौथे टेस्ट में भारत ने इंग्लैंड को पारी और 25 रनों से हरा दिया। इस जीत के साथ भारत ने टेस्ट श्रंखला 2-1 से अपने नाम कर ली और आईसीसी टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल में पहुंचने वाली दूसरी टीम भी बन गई है।
टॉस जीतकर इंग्लैंड फायदा नहीं उठा सकी और पहली पारी में महज 205 रन बना सकी। वहीं भारत ने शीर्ष बल्लेबाजी क्रम की असफलता के बाद ऋषभ पंत (101) और वॉशिंगटन सुंदर (96) की पारियों के बदौलत 365 रनों का विशाल लक्ष्य बनाया। 160 रनों से पीछे इंग्लैंड पहले की तरह ही दबाव में दिखी और उसका कोई बल्लेबाज भी लंबी पारी नहीं खेल सका। इंग्लैंड की ओर से सर्वाधिक रन बनाने वाले डॉन लॉरेंस रहे जिन्होंने 50 रन बनाए।अक्षर पटेल ने पहली में 4 और दूसरी में 5 विकेट लिए। आर अश्विन ने दूसरी पारी में 5 विकेट लिए।
इससे पहले आज सुबह ऑलराउंडर वॉशिंगटन सुंदर (96) अपने पहले टेस्ट शतक से चूक गए, लेकिन उन्होंने शानदार पारी खेलते हुए भारत को इंग्लैंड के खिलाफ बेहद मजबूत स्थिति में पहुंचा दिया। सुंदर ने एक अन्य ऑलराउंडर अक्षर पटेल (43) के साथ आठवें विकेट के लिए 107 रन की शतकीय साझेदारी की, जिसने भारत को 160 रनों की मजबूत बढ़त दिलाई।
भारत ने शनिवार को सात विकेट पर 294 रन से आगे शुरुआत की। 294 रन से आगे खेलते हुए वॉशिंगटन सुंदर और अक्षर पटेल ने महत्वपूर्ण 71 रन जोड़े। 365 रन के स्कोर पर अक्षर के रूप में भारत का आठवां विकेट गिरा। बदकिस्मती से अक्षर अपने 43 रन के स्कोर पर रन आउट हो गए। अक्षर ने अपनी पारी में पांच चौकों और एक छक्के की मदद से 97 गेंदों पर 43 रन बनाए, जबकि शतक के करीब पहुंचे सुंदर ने 174 गेंदों पर 96 की नाबाद पारी खेली।
365 रन के स्कोर पर इशांत के रूप में नौंवा और मोहम्मद सिराज के रूप में भारत का दसवां विकेट गिरा और इस कारण सुंदर अपने पहले टेस्ट शतक से वंचित रह गए क्योंकि उनके पास कोई जोड़ीदार नहीं बचा।
दूसरे दिन अच्छी गेंदबाजी कर दो विकेट लेने वाले बेन स्टोक्स ने तीसरे दिन भी इशांत और सिराज के रूप में दो शिकार किए। वह इंग्लैंड की तरफ से सर्वाधिक चार विकेट लेकर सबसे सफल गेंदबाज रहे। स्टोक्स ने इशांत को पगबाधा तो वहीं सिराज को बोल्ड कर भारत की पहली पारी समाप्त की, हालांकि पहली पारी के बाद भारत अच्छी स्थिति में पहुंच गया और उसके पास 160 रनों की मजबूत बढ़त हो गई। यही बढ़त इंग्लैंड पर अंत में भारी पड़ी।
इंग्लैंड ने जब दूसरी पारी में खेलना शुरू किया तो उसके शीर्ष क्रम के बल्लेबाजों ने कोई जज्बा नहीं दिखाया। तीन बल्लेबाज तो 20 रन तक पवेलियन लौट गए थे। अश्विन ने जैक क्राली (पांच) और जॉनी बेयरस्टो (शून्य) को आउट किया, जबकि पटेल ने सिब्ले (तीन) को अपना शिकार बनाया। पटेल ने ऑलराउंडर बेन स्टोक्स (दो) को आउट कर इंग्लैंड का स्कोर चार विकेट पर 30 रन कर दिया।
इंग्लैंड के कप्तान जो रुट (30) और ओली पेाप (15) ने पांचवें विकेट के लिए 35 रन की साझेदारी की, लेकिन दोनों बल्लेबाज इसके बाद 65 के स्कोर पर पवेलियन लौट गए और इंग्लैंड का स्कोर छह विकेट पर 65 रन हो गया। रुट को अश्विन ने पगबाधा किया, जबकि पोप को पटेल ने स्टंप कराया।
डैनियल लॉरेंस ने एकतरफा संघर्ष करते हुए 95 रनों पर छह चौकों की मदद से 50 रन बनाए। विकेटकीपर बेन फोक्स ने 46 गेंदों पर 13 रन बनाए। पटेल ने फोक्स और डोमिनिक बेस को पवेलियन भेजा, जबकि अश्विन ने लॉरेंस को बोल्ड कर इंग्लैंड को शर्मनाक हार झेलने पर मजबूर कर दिया। इंग्लैंड की दूसरी पारी 54.5 ओवर में सिमट गई। उपकप्तान अजिंक्या रहने ने स्लिप में तीन सच लपककर भारत की जीत में अपना योगदान दिया।
भारत को विश्व टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल में पहुंचने के लिए 3-1 या 4-0 से जीत की जरूरत थी और चेन्नई में पहला टेस्ट हारने के बाद यह आशंका उठने लगी थी कि भारत फाइनल में पहुंच पाएगा या नहीं, लेकिन विराट कोहली की टीम इंडिया ने इसके बाद गजब की वापसी करते हुए सीरीज 3-1 से अपने नाम की और इंग्लैंड के साथ-साथ ऑस्ट्रेलिया की उम्मीदों को भी तोड़ दिया। यदि यह सीरीज ड्रॉ होती तो ऑस्ट्रेलिया फाइनल में पहुंच जाता।