लखनऊ। अयोध्या में भगवान राम की जन्मभूमि पर बनने वाले मंदिर के निर्माण के लिए मकर संक्रांति पर प्रारंभ हुए देशव्यापी निधि समर्पण अभियान शनिवार को संपन्न हो गया. राम मंदिर निर्माण के लिए पिछले 44 दिनों से चल रहे राम मंदिर निधि समर्पण अभियान में 2100 करोड़ रुपये का चंदा इकट्ठा हुआ है. विश्व हिन्दू परिषद के केंद्रीय कार्याध्यक्ष और अभियान के राष्ट्रीय संयोजक एडवोकेट आलोक कुमार ने इस अभियान में सहयोग करने वालों का धन्यवाद किया.
उन्होंने कहा कि लगभग 10 लाख टोलियों में जुटे 40 लाख समर्पित कार्यकर्ताओं के माध्यम ये ये अभियान सफल हुआ. इसके तहत हमने प्रांत, जिला, तहसील व गांवों के घर-घर जाकर समर्पण निधि तो प्राप्त की ही साथ ही राम के प्रति श्रद्धा, विश्वास व समर्पण के भाव ने गदगद भी कर दिया.
अभियान के राष्ट्रीय संयोजक एडवोकेट आलोक कुमार ने कहा कि विश्व हिन्दू परिषद हिन्दू समाज के इस उदारता, समरसता व एकात्मता पूर्ण समर्पण के प्रति अपनी कृतज्ञता ज्ञापित करती है. उन्होंने कहा कि लाखों गांवों व शहरों के करोड़ों हिन्दू परिवारों ने भक्ति पूर्ण भाव से इसमें सह-भागिता की. इस अभियान में कार्यकर्ताओं को अनेकों भावुक क्षणों से गुजरना पड़ा व अनेक व्यक्तियों को अपनी क्षमता से बहुत अधिक समर्पण करते हुए देखा गया.
उन्होंने कहा कि भगवान राम के लिए अनेक भक्तों ने अपनी छल-छलाती आंखों से विनम्रता पूर्वक धन अर्पण किया. अनेक जगहों पर निधि समर्पण टोली को राम दूत मान कर अगवानी व सेवा हुई. इसमें भारत के प्रथम नागरिक राष्ट्रपति से लेकर फुटपाथ पर सोने वाले व्यक्तियों ने अपनी पवित्र आय में से समर्पण कर स्वयं को भगवान राम से जोड़ लिया.
2100 करोड़ रुपये का हुआ चंदा
राम मंदिर निर्माण के लिए पिछले 44 दिनों से चल रहे राम मंदिर निधि समर्पण अभियान में 2100 करोड़ रुपये का चंदा इकट्ठा हुआ है. शनिवार को इसका आखिरी दिन था. इस अभियान के शुभारंभ के समय निधि संचय समर्पण 1100 करोड़ रुपये जुटाने का अनुमान था? लेकिन जनता की अभूतपूर्व भागीदारी की वजह से लगभग 1000 करोड़ रुपये ज्यादा आ गए. समापन के अवसर पर श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास के कोषाध्यक्ष स्वामी गोविंद देव गिरि का कहना है कि ‘सभी वर्गों के लोगों ने बढ़चढ़कर इसमें भाग लिया. विशेषकर धर्म की दीवार को अनदेखा करके दूरदराज के गांवों से खूब चंदा आया.’
श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास के कोषाध्यक्ष स्वामी गोविंद देव गिरि का कहना है कि ‘शनिवार शाम तक कुल चंदा 2100 करोड़ की राशि पार कर गया. पिछले साल दिसंबर में अंदाजा लगाया गया था, कि मंदिर बनने में 300-400 करोड़ और पूरे मंदिर परिसर को बनाने में 1100 करोड़ रुपए का खर्च आएगा.’ हालांकि न्यास के सदस्य डॉ. अनिल मिश्रा का कहना है कि अभी मंदिर परिसर के निर्माण का बजट फाइनल नहीं हुआ है. निर्माण कार्य पूरा होने पर ही इसकी सही जानकारी हो पाएगी.