लखनऊ। जल्द व बेहतर इलाज उपलब्ध कराने के लिए उत्तर प्रदेश के सभी लोगों के स्वास्थ्य का इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड तैयार किया जाएगा। नेशनल डिजिटल हेल्थ मिशन (एनडीएचएम) के अंतर्गत प्रदेश सरकार ने इसकी तैयारी शुरू कर दी है। 2021-22 के बजट में इसके लिए 2.5 करोड़ रुपए की व्यवस्था की गई है।
इससे प्रदेश में प्रत्येक नागरिक का इलेक्ट्रॉनिक हेल्थ रिकॉर्ड (ईएचआर) संरक्षित किया जाएगा और एक यूनिक हेल्थ आईडी दी जाएगी। इस यूनिक हेल्थ आईडी का फायदा यह होगा कि इससे मरीज अपनी मर्जी से कहीं भी इस रिकॉर्ड को दिखा कर इलाज करवा सकेगा।
जानकारी के मुताबिक लोगों के स्वास्थ्य का डाटा उनकी अनुमति से संरक्षित किया जाएगा। स्वास्थ्य व डॉक्टरों का रिकॉर्ड एक एप व वेबसाइट के जरिए संचालित होगा। अगर इस रिकॉर्ड को किसी के साथ साझा करने की जरूरत पड़ती है तो इसके लिए मरीज की अनुमति लेनी होगी। इसके लिए यूनिक आईडी के साथ ओटीपी की जरूरत होगी।
यदि लाभार्थी सरकार से कोई आर्थिक मदद लेता है तो उसे यूनिक हेल्थ आईडी को आधार से लिंक करना होगा। खास बात यह है कि नेशनल हेल्थ अथॉरिटी (एनएचए) इसकी नोडल एजेंसी है। इसलिए मरीज की गोपनीयता भंग होने की संभावना न के बराबर है।
टेलीमेडिसिन की भी सुविधा
हर नागरिक की बीमारी, जाँच रिपोर्ट, इलाज का डाटा इस रिकॉर्ड में होगा। लेकिन नागरिक इसे अपने निजी रिकॉर्ड्स की तरह ही रखेंगे और जरूरत पड़ने पर इस्तेमाल की अनुमति देंगे। एनडीएचएम में हेल्थ आईडी, पर्सनल हेल्थ रिकॉर्ड, निजी डॉक्टर व डिजिटल हेल्थ फैसिलिटी रजिस्ट्री भी शामिल है। लोगों को घर बैठे इलाज के लिए इसे टेलीमेडिसिन से भी जोड़ा जाएगा।
शहरी इलाकों में हजारों गरीबों को घर देने की तैयारी में योगी सरकार
इसके अलावा योगी सरकार शहरी इलाकों में हजारों गरीबों को घर देने की तैयारी में है। बताया जा रहा है कि यूपी सरकार बहुत जल्द प्रधानमंत्री आवास योजना में 39 हजार 903 आवासों का आवंटन लाभार्थियों को कर देगी। बता दें कि इस बाबत कार्य शुरू कर दिया गया है। आवास विभाग ने अधिकारियों को प्रधानमंत्री आवास योजना के पात्रों की सूची उपलब्ध कराने के लिए कहा है।
मीटिंग में बताया गया कि निर्माणाधीन मकान जून तक पूरे हो जाएँगे। मार्च तक 4 हजार 266 और जून तक 11 हजार 796 मकान बनकार तैयार हो जाएँगे। राज्य सरकार प्रधानमंत्री आवास योजना शहरी में लाभार्थियों को दो कमरे के मकान 6 लाख 50 हजार रुपए में देगी। सरकार ढाई लाख रुपए अनुदान के रूप में देगी। जिससे पात्रों को सिर्फ साढ़े चार लाख रुपए देना होगा।