चैरिटी समूहों के नाम पर मदरसों-मस्जिदों का निर्माण और जिहादी ट्रेनिंग: भारत की सीमा से लगे नेपाली कस्बों में पैठ बना रहा तुर्की का जिहादी संगठन

तुर्की में आतंकी संगठन अलकायदा से सम्बद्ध संस्था ने अब दक्षिण एशिया में अपने पाँव पसारने शुरू कर दिए हैं। इस तथाकथित चैरिटी समूह ने अब ‘इस्लामी संघ नेपाल (ISN)’ को अपना सहयोगी बनाया है। पता चला है कि दक्षिण एशिया में जिहाद का हब बनाने के लिए ये सब किया जा रहा है। इस संगठन का नाम है – ‘The Foundation for Human Rights and Freedoms and Humanitarian Relief’ (दी फाउंडेशन ऑफ़ ह्यूमन राइट्स एंड फ्रीडम एंड ह्यूमेनिटरियन रिलीफ)।

इसे ‘इंसान हक़ वे हुर्रियातेलेरी वे इंसानी यार्डम वाक़फ़ी (IHH)’ के नाम से भी जाना जाता है। वैश्विक जिहादी नेटवर्क का और ज्यादा विस्तार करने का लक्ष्य लेकर ये संगठन अपना अधिकतर कारोबार नेपाल के उन्हीं इलाकों में चला रहा है, जिसकी सीमाएँ भारत से लगती हैं। जिहादी संगठनों के लिए समाज में गुप्त समर्थन तैयार किया जा रहा है। ISN को तुर्की की IHH से सीधे फंड्स मिल रहे हैं।

भारतीय ख़ुफ़िया एजेंसियों ने पहले ही आगाह किया था कि ISN जिहादी गतिविधियाँ चला रहा है। IHH को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के दस्तावेजों में हथियारों के तस्कर संगठन के रूप में दर्ज किया गया है। सीरिया के आतंकी संगठनों को समर्थन देने के कारण उसके खिलाफ जाँच भी हुई थी। IHH को तुर्की की एजेंसी MIT का पूर्ण समर्थन प्राप्त है। तुर्की में हाल के दिनों में कट्टर इस्लामी गतिविधियाँ बढ़ गई हैं।

वहाँ राष्ट्रपति एर्दोआँ (Erdogan) की सरकार द्वारा IHH को उसके लिए ज़रूरी सभी संसाधन और वित्त मुहैया कराए जा रहे हैं। तुर्की में पहले भी उसके खिलाफ कई बार जाँच हो चुकी हैं, लेकिन मौजूदा सरकार के समर्थन के कारण वो बचा हुआ है। नेपाल के लुम्बिनी व उसके आसपास के इलाकों में उसने मस्जिद, मदरसे, इस्लामी सेंटर और अनाथालयों की स्थापना की है। भारतीय सीमा से लगे सुनसरी में उसकी खासी रुचि है।

साथ ही, तुर्की के संसदीय समूह ‘SADAT’ द्वारा संरक्षित ‘Union of NGOs of the Islamic World’ नाम के एक NGO की स्थापना की गई है, जो IHH की तरह ही काम करता है। इसे अदनान तरनिवेरडी द्वारा संचालित किया जाता है, जो राष्ट्रपति एर्दोआँ के सैन्य सलाहकार थे। उन्होंने अपने कार्यकाल में आतंकियों के प्रशिक्षण पर खासा जोर दिया था। तुर्की की विकास एजेंसी TIKA भी नेपाल में दिलचस्पी ले रही है।

तुर्की की पुलिस ख़ुफ़िया एजेंसी के पूर्व प्रमुख अली फुयात इलमजेर को कट्टर इस्लामी जिहादियों में खासी दिलचस्पी है। अगस्त 16, 2016 को उन्होंने कोर्ट में स्वीकार किया था कि IHH को दुनिया भर में आतंकियों को जिहादी समर्थन देने के लिए तैयार किया गया है। उन्हें फंडिंग के साथ-साथ मेडिकल मदद और मानव संसाधन भी मुहैया कराए जाते हैं। 2016 में रूसी राजदूत का हत्यारा पुलिस अधिकारी भी इस नेटवर्क में शामिल है।