बेटे को खोने का गम कुछ ऐसा था कि माता-पिता ने दो बेटियों के साथ खुद को भी खत्म कर लिया । मामला राजस्थान के सीकर का है, जहां पूर्व सांसद के घर से ये मनहूस खबर आई । 18 साल के इकलौते बेटे की अचानक हुई मौत के बाद उनका पूरा परिवार डिप्रेशन में आ गया था, सबने बहुत समझाया लेकिन फायदा नहीं हुआ । आखिर में परिवार टूट गया और मां-बाप अपनी दो जवान बेटियों संग खुदकुशी कर ली । परिवार ने एक सुसाइड नोट भी छोड़ा है ।
ये दर्दनाक घटना रविवार रात को सीकर के पुरोहित जी ढाणी इलाके में घटी। जहां 48 वर्षीय हनुमान प्रसाद सैनी ने पत्नी (45 साल) तारा, 2 बेटियों पूजा और अन्नू के साथ कमरे में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली । मृतक हनुमान प्रसाद भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और राज्यसभा सांसद दिवंगत मदनलाल सैनी के भतीजे थे। पिछले साल 27 सितंबरमहीने में उनके 18 साल के इकलौते बेटे अमर की हार्ट अटैक से मौत हो गई थी। हनुमान प्रसाद सरकारी स्कूल में फोर्थ क्लास कर्मचारी थे।
जब से बेटे की मौत हुई थी ये परिवार अपने आप में ही सिमट गया है । उनके पिरवार में पत्नी हाउस वाइफ थीं। जबकि बड़ी बेटी पूजा MSc कर रही थी वहीं छोटी बेटी चीकू BSc कर रही थी । आस-पड़ोस के लोगों मुताबिक सैनी सिर्फ ड्यूटी पर जाने के लिए घर से निकलते थे। जबकि पत्नी और दोनों बेटियां घर के अंदर ही रहती थीं। काफी दिनों से वह आस पड़ोस में किसी से कोई बात नहीं कर रहे थे। रविवार दे शाम को दूधवाला मृतक परिवार के घर पहुंचा था। जब बहुत देर तक दरवाजा पीटता रहा और कोई हलचल नहीं तो उसने मोबाइल पर फोन लगाया । उसे घंटी की आवाज तो सुनाई दी लेकिन कोई फोन नहीं उठा रहा था । जिसके बाद उसने ही हनुमान के भाई घनश्याम को कॉल करके मौके पर बुलाया। जब दरवाजा तोड़ा गया तो पूरा परिवार फांसी के फंदे पर लटक रहा था।
मृतक हनुमान प्रसाद ने एक भावुक सुससाइड नोट भी छोड़ा, जिसमें उन्होंने लिखा है – मैं हनुमान प्रासद, पत्नी तारा देवी, 2 बेटियां पूजा और अन्नू अपने पूरे होश में अपनी जिंदगी से दुखी होकर यह दुनिया छोड़कर जा रहे हैं। हमारे बेटे अमर का 27 सितंबर 2020 निधन हो गया था। हमने उसको बचाने की पूरी कोशिश की, लेकिन वह नहीं बच सका। जब वही हमको छोड़कर चला गया तो अब हम यहां रहकर क्या करेंगे। उसके बिना किसी काम में मन नहीं लगता है। घर में किसी बात की कोई परेशानी नहीं है। हमारे पास बेटे के अलावा सब कुछ है। सरकारी नौकरी है, दुकान है, मकान है। ना तो किसी का कोई कर्ज है और ना ही और कोई परेशानी है। लेकिन हमारा अपना बेटा नहीं है। उसके बिना सब बेकार है। इसलिए हम चारों ने अपना जीवन लीला खत्म करने जा रहे हैं। पुलिस से निवेदन है कि हमारे परिवार के किसी सदस्य को परेशान ना करें ।
मिस्त्री बुलवाकर लगवाए लोहे के गार्डर
मृतक परिवार ने जिस तरह से सामूहिक आत्महत्या का कदम उठाया है उसे देखकर कहा जा रहा है कि वह कुछ दिन पहले से ही इसकी तैयारी कर रहे थे । हनुमान ने 4 दिन पहले ही मिस्त्री बुलाकर कमरे में लोहे के गर्डर लगवाये थे, साथ में एक रस्सी भी लगवाई थी। रविवार शाम इसी रस्सी और लोहे के गर्डर पर लटककर परिवार ने एक साथ जान दे दी। मृतक अपने छोटे भाई से कहते रहते थे कि अब जिंदगी से कोई प्यार नहीं बचा है। हनुमान अपनी अंतिम इच्छा भी लिख गए हें, उन्होंने छोटे भाई सुरेश के लिए लिखा है- भाई हम सब का अंतिम संस्कार परिवार की तरह ही करना। कबीर पंथ की तरह मत करना। मेरे ऊपर किसी का कोई कर्जा नहीं है, जिसे दिया जाए।