नई दिल्ली। नीति आयोग की गवर्निंग काउंसिल की बैठक चल रही है. इसकी अध्यक्षता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कर रहे हैं. वह वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये नीति आयोग की गवर्निंग काउंसिल की छठी बैठक को संबोधित कर रहे हैं.
बैठक को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि हमने कोरोना के दौरान देखा है कि कैसे केंद्र और राज्य सरकारों ने राष्ट्र को सफल बनाने में एक साथ काम किया है. इससे विश्व स्तर पर देश की सकारात्मक छवि बनी है. कई राज्यों ने तेज गति से विकास का काम किया है. केंद्र-राज्य साथ मिलकर काम करें, विकास प्राइम एजेंडा होना चाहिए.
बैठक के एजेंडे में कृषि, बुनियादी ढांचे, विनिर्माण, मानव संसाधन विकास, जमीनी स्तर पर सेवा वितरण और स्वास्थ्य और पोषण पर विचार-विमर्श शामिल है. इस दौरान पिछली बैठक के एजेंडे पर उठाए गए कदमों की भी समीक्षा की जाएगी.
नीति आयोग की इस बैठक में केंद्र सरकार बुनियादी ढांचे, निर्यात,स्वास्थ्य, शिक्षा समेत हाल में ही पेश किए गए आम बजट को लेकर राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ चर्चा करेगी. सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी विकास संबंधी तमाम मु्द्दों पर चर्चा करेंगे.
नीति आयोग की इस बैठक में सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों से चर्चा की जानी है, लेकिन पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह बैठक में हिस्सा नहीं ले पाएंगे. सूत्रों ने बताया कि पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह आज NITI आयोग की बैठक में शामिल नहीं होंगे. वह अस्वस्थ हैं. उनकी जगह पर पंजाब के वित्त मंत्री बैठक में भाग लेंगे. राज्य के वित्त मंत्री मनप्रीत सिंह बादल उनके स्थान पर बैठक में भाग लेंगे.
वहीं पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के भी नीति आयोग की बैठक में शामिल नहीं होने की बात कही जा रही है. एक समाचार एजेंसी के मुताबिक पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के भी बैठक शामिल नहीं होने की संभावना हैं.
बता दें कि नीति आयोग की गवर्निंग काउंसिल नियमित रूप से बैठक करती है. यह सरकार की छठी बैठक होगी, जिसमें सरकार के शीर्ष थिंक टैंक हिस्सा लेंगे. नीति आयोग की गवर्निंग काउंसिल में सभी मुख्यमंत्री, केंद्र शासित प्रदेशों के लेफ्टिनेंट गवर्नर, कई केंद्रीय मंत्री और वरिष्ठ सरकारी अधिकारी शामिल होते हैं.
नीति आयोग की छठी बैठक में पहली बार लद्दाख भी हिस्सा लेगा जिसमें केंद्र शासित प्रदेश के रूप में जम्मू-कश्मीर की भागीदारी भी शामिल है. इस बार, केंद्र शासित प्रदेशों के प्रमुखों को भी इसमें शामिल होने के लिए आमंत्रित किया गया है.