पटना। मंत्रिमंडल विस्तार में हो रही देरी को लेकर छिड़े विवाद पर विराम लग गया है. नीतीश कैबिनेट का कल यानी मंगलवार को विस्तार होने जा रहा है. वर्तमान में सीएम सहित 13 मंत्री हैं, जबकि 25 मंत्रियों की जगह खाली है.
बताया जा रहा है कि बीजेपी की ओर से शाहनवाज हुसैन, सम्राट चौधरी, नितिन नवीन और संजीव चौरसिया को मंत्री पद सौंपा जा सकता है. वहीं, जेडीयू से जामा खान, संजय झा और सुमित सिंह के नामों की चर्चा है. इसके अलावा जेडीयू के मदन साहनी, नीरज कुमार, जयंत कुशवाहा भी मंत्री बनाए जा सकते हैं. वहीं, बीजेपी से संजय सरावगी, भागीरथी देवी और नीरज बबलू भी रेस में हैं.
बिहार में नई नीतीश सरकार का गठन 16 नवंबर को हुआ था. इस दौरान मुख्यमंत्री समेत 14 मंत्रियों ने शपथ ली थी. मेवालाल चौधरी के इस्तीफे के बाद बिहार मंत्रिमंडल में 13 चेहरे हैं. 13 में बीजेपी के 7, जेडीयू के 4, हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा (HAM) के एक और विकासशील इंसान पार्टी के एक मंत्री शामिल हैं.
बता दें कि बिहार में ऐसे कई मंत्री हैं, जिनके पास 5-6 विभागों की जिम्मेदारी है. इसकी वजह से लगातार सवाल उठ रहे थे कि आखिर क्यों नीतीश कुमार अपने मंत्रिमंडल का विस्तार नहीं कर रहे हैं?
सूत्रों के मुताबिक, नीतीश कैबिनेट में बचे हुए मंत्रियों की संख्या का 50-50 फॉर्मूले के साथ-साथ बीजेपी-जेडीयू के पास मौजूदा विभागों में से से ही अपने-अपने कोटे के मंत्रियों के विभाग का बंटवारा करेंगे. बिहार सरकार के 44 मंत्रालय के विभागों के बंटवारे में लगभग बराबर किया गया था. बीजेपी के हिस्से में 21 और जेडीयू के खाते में 20 विभाग आए हैं. मंत्रिमंडल विस्तार के बाद मंत्रालय के विभागों का बंटवारा बीजेपी-जेडीयू को अपने-अपने कोटे से अपने-अपने मंत्रियों को देना होगा.
मंत्रिमंडल विस्तार के ऐलान से पहले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बीजेपी पर निशाना साधा था. नीतीश कुमार ने कहा था कि उनके पास अभी तक बीजेपी की तरफ से मंत्रियों की सूची नहीं मिली है जिसकी वजह से मंत्रिमंडल विस्तार में देरी हो रही है. सोमवार को नीतीश ने कहा कि बीजेपी की ओर से जैसे ही मंत्रियों की सूची उन्हें प्राप्त होगी तुरंत ही मंत्रिमंडल विस्तार कर दिया जाएगा.