अजीत झा
पूर्व पत्रकार अनुज धर ने शनिवार (31 जनवरी, 2021) को एक ट्वीट कर सोशल मीडिया पर विवाद खड़ा कर दिया। धर ने नेताजी पर ‘कुन्ड्रम: सुभाष बोस लाइफ आफ्टर डेथ (Conundrum: Subhas Bose’s Life after Death)’ नाम से किताब लिखी है।
ट्विटर पर उन्होंने लिखा, “1939 में इसी दिन सुभाष चंद्र बोस कॉन्ग्रेस अध्यक्ष चुने गए थे। सीआईए के डिक्लासीफाइड रिकार्ड के मुताबिक बाद में ब्रिटिश दबाव के कारण उन्हें पद से हटा दिया गया।” धर ने आगे कहा, “उस समय, बोस अचानक बीमार पड़ गए थे। शायद उन्हें जहर दिया गया था।”
This day in 1939, #SubhasChandraBose was elected president of Congress. According to a declassified CIA record, Bose was later ousted from Congress presidency by certain “British influences”. At that time, Bose suddenly took ill. Poisoning was suspected. #Netaji125 pic.twitter.com/2wx91I2RfF
— Anuj Dhar (@anujdhar) January 29, 2021
उनके इस पोस्ट ने सोशल मीडिया पर सनसनी फैला दी है। लोग बोस के रहस्यमय मौत पर नाराजगी व्यक्त कर रहे हैं। लोगों ने बोस के रहस्यमय तरीके से गायब होने में तत्कालीन कॉन्ग्रेस आलाकमान की भूमिका को लेकर सवाल खड़े किए हैं।
बता दें 1938 में कॉन्ग्रेस के हरिपुरा अधिवेशन में बोस को अध्यक्ष के रूप में चुना गया था। बोस भारत सरकार अधिनियम 1935 के अनुसार ब्रिटिश सरकार की संघीय योजना के विरोध की वकालत कर रहे थे।
उन्होंने पूर्ण स्वराज के लिए जनांदोलन के पक्ष में थे, जबकि पार्टी के भीतर कुछ लोग ब्रिटिशों की नई रियायतों को स्वीकार करने के पक्ष में थे। लेकिन, ओल्ड गार्ड जिनमें महात्मा गाँधी भी थे, ने उनकी बातों पर ध्यान देने से इनकार कर दिया। इसलिए उन्होंने त्रिपुरी में होने वाले अगले वार्षिक कॉन्ग्रेस सत्र के अध्यक्ष पद के लिए फिर से चुनाव लड़ा था।
गौरतलब है कि आज की कॉन्ग्रेस पार्टी के विपरीत, उस समय अध्यक्ष पद के लिए वास्तविक चुनाव हुआ करते थे। उन्होंने गाँधी के उम्मीदवार पट्टाभि सीतारमैय्या (1,575 से 1,376 वोट) के खिलाफ जीत दर्ज की थी। इसके विरोध पूरे सीडब्ल्यूसी (कॉन्ग्रेस कार्यसमिति) ने इस्तीफा दे दिया। इसके बाद उन्हें कॉन्ग्रेस पार्टी से बाहर कर दिया गया था, क्योंकि उनके पास प्रतिभा और महात्मा गाँधी की इच्छा के खिलाफ चुनाव जीतने की क्षमता थी।
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