पश्चिम बंगाल की एक छात्रा ने ममता बनर्जी सरकार की योजना के तहत मुफ्त साइकिल लेने से इनकार कर दिया है। ऐसा उसने अपने पिता को कथित तौर पर झूठे मुकदमों में फँसाकर प्रताड़ित किए जाने के विरोध में किया है। यह लड़की दसवीं कक्षा की छात्रा है
बीरभूम जिले के रामपुरहाट उपसंभाग में कुसुमी हाई स्कूल की छात्रा मोऊतृषा डे ने अधिकारियों को पत्र लिखकर कहा कि वह साइकिल नहीं लेगी, क्योंकि उसके पिता को कथित तौर पर झूठे मामलों में गिरफ्तार किया गया था।
स्कूल के प्राचार्य श्रीकांत मंडल ने शनिवार को यह जानकारी देते हुए कहा, “साबुज साथी योजना के तहत शुक्रवार को विद्यार्थियों को साइकिल बाँटी गईं। उसने इसे लेने से मना कर दिया। हमने उच्च अधिकारियों को सूचित कर दिया है और साइकिल लौटा दी है।’’
बता दें कि छात्रा के पिता सुशांत डे स्थानीय बीजेपी नेता हैं। वे मयूरेश्वर-2 प्रखंड के अध्यक्ष भी हैं। छात्रा ने आरोप लगाया कि पुलिस ने 17 सितंबर 2020 को उसके पिता को झूठे मामलों में फँसाकर गिरफ्तार कर लिया था। मोऊतृषा ने मीडिया को बताया, “पिता के पुलिस और न्यायिक हिरासत में रहते हुए हमें बहुत दुख झेलना पड़ा था।”
वहीं सुशांत डे का कहना है कि, “पुलिस ने पिछले साल झूठे आरोपों के आधार पर मेरे खिलाफ एक के बाद एक मामले दर्ज किए। मैं 35 दिन तक पुलिस और न्यायिक हिरासत में रहा। लेकिन राज्य सरकार द्वारा दी जा रही मुफ्त साइकिल ना लेना उनकी बेटी का अपना निर्णय है।”
बता दें राज्य सरकार द्वारा इस योजना के तहत सरकारी स्कूलों तथा सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों में 9वीं से 12वीं कक्षा के छात्रों को मुफ्त साइकिल बाँटी जाती हैं। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने 2015 में इस योजना की शुरुआत की थी।