लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इलेक्ट्रिक वाहनों (EV) के उद्योग को बढ़ावा देने के लिए एक बड़ा ऐलान किया है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक़ पेट्रोल और डीज़ल से चलने वाले वाहनों की तुलना में इलेक्ट्रिक वाहनों को प्राथमिकता दी जाएगी। इलेक्ट्रिक वाहनों के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए इसके पंजीयन शुल्क (रजिस्ट्रेशन फीस) और रोड टैक्स में भी छूट दी जाएगी।
इसके अलावा उत्तर प्रदेश की EV इंडस्ट्री में निवेश को बढ़ावा देने के उत्तर प्रदेश इलेक्ट्रिक व्हीकल मैन्युफैक्चरिंग पालिसी 2019 (Uttar Pradesh Electric Vehicle Manufacturing Policy 2019) का उदारीकरण किया जाएगा। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार इलेक्ट्रिक वाहनों के शोध, विकास, परीक्षण और पंजीयन के लिए केंद्र शुरू करने की योजना बना रही है।
इस केंद्र की मदद से तमाम निजी इलेक्ट्रिक वाहन पार्कों को ‘इंडस्ट्रियल पार्क स्कीम’ के तहत प्रोत्साहन राशि प्रदान किया जाएगा। इलेक्ट्रिक वाहनों के चार्जिंग स्टेशन स्थापित करने के लिए राजस्व प्रतिरूप (रेवेन्यू मॉडल) तैयार किया जाएगा। पेट्रोल और डीज़ल से चलने वाले टैक्सी वाहनों की तुलना में ई रिक्शा के विकल्प को मज़बूत करने के लिए सरकारी योजनाओं के अंतर्गत लोन प्रदान किया जाएगा।
उत्तर प्रदेश में मिलेगा इलेक्ट्रिक वाहन इंडस्ट्री को बढ़ावा
एक कार्यक्रम में इस मुद्दे पर जानकारी देते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा, “इलेक्ट्रिक वाहनों की उत्पादन ईकाई स्थापित करने के लिए तमाम अंतर्राष्ट्रीय ऑटोमोबाइल समूहों से प्रस्ताव प्राप्त हो चुके हैं। हम राज्य के भीतर इसमें निवेश को बढ़ावा देने के लिए हर संभव सहायता करेंगे। जिस तरह स्वास्थ्य सेवाओं से जुड़ी सेवाओं को आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है उसी तरह इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए भी किया जाएगा।”
इसके बाद उन्होंने कहा, “बहुत जल्द उत्तर प्रदेश में इलेक्ट्रिक वाहनों की संख्या में भरी इजाफ़ा होगा, उसको ध्यान में रखते हुए जनसुविधा के लिए पर्याप्त चार्जिंग स्टेशन का होना भी ज़रूरी है। पार्किंग स्थानों में इलेक्ट्रिक वाहनों के चार्जिंग स्टेशन बनाए जाएँगे। पेट्रोल पम्पों को भी चार्जिंग स्टेशन स्थापित करने के लिए प्रेरित किया जाएगा। एमएसएमई और मैक्रो क्षेत्र की इकाइयों को अलग-अलग दरों पर कैपिटल सब्सिडी भी प्रदान की जा सकती है। यह इंडस्ट्री के विकास के लिए दी जाने वाली बड़ी आर्थिक मदद साबित होगी।”
भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों की सबसे बड़ी कंपनी का प्रवेश
अमेरिकी इलेक्ट्रिक कार कंपनी टेस्ला (Tesla) ने भारत में उद्योग स्थापित करने की आधिकारिक घोषणा कर दी है। रिपोर्ट्स के मुताबिक़ टेस्ला ने अपनी सहायक कंपनी बेंगलुरु, कर्नाटक में स्थापित कर दी है। इसका पंजीयन टेस्ला मोटर्स एंड एनर्जी प्राइवेट लिमिटेड (Tesla Motors and Energy Private Ltd) के नाम से हुआ है और इसे 8 जनवरी को शुरू किया गया था।
वैभव तनेजा, वेंकटरंगम श्रीराम और डेविड जॉन फीनस्टीन को इसका निदेशक नियुक्त किया गया है। दिसंबर 2020 में एक ट्विटर यूज़र का जवाब देते हुए टेस्ला के मुखिया एलोन मस्क (elon musk) ने ऐलान किया था कि कंपनी 2021 तक भारतीय बाज़ार में नज़र आने वाली है।
नितिन गडकरी ने कहा था बड़े पैमाने पर होगा इलेक्ट्रिक वाहनों का उत्पादन
केन्द्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने इलेक्ट्रिक वाहनों से जुड़े एक सवाल का जवाब देते हुए कहा था, “तमाम छोटी कंपनी उत्तर प्रदेश समेत अन्य राज्यों में ई स्कूटर और ई बाइक का उत्पादन करने के लिए तैयार हैं। उनके सामने सबसे बड़ी समस्या है लिथियम आयन बैट्री (lithium-ion battery) की उपलब्धता। अर्जेंटीना इसका बड़े पैमाने पर उत्पादन करता है लेकिन वह चीन के अंतर्गत है इसलिए भारतीय निर्माताओं के दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है। इसको मद्देनज़र रखते हुए एल्युमीनियम आयन (aluminium-ion) पर काफी शोध कार्य जारी है। एल्युमीनियम आयन बैट्री न केवल आसानी से उपलब्ध होंगी बल्कि इनका दाम लिथियम आयन बैट्री से काफी कम होगा।”