नई दिल्ली। दिल्ली में किसानों की ट्रैक्टर परेड उग्र हो गई है. आईटीओ पर बवाल के बीच कई किसान लाल किले पर पहुंच गए हैं. कई दर्जन ट्रैक्टरों में सवार सैकड़ों आंदोलनकारी लाल किला परिसर में पहुंच गए हैं और वहां प्रदर्शन कर रहे हैं. इतना ही नहीं, किसानों ने उस जगह अपना झंडा (निशान साहिब या निशान साहेब) लगा दिया है जहां 15 अगस्त को प्रधानमंत्री तिरंगा फहराते हैं. हालात को देखते हुए दिल्ली पुलिस के जवान भी मौके पर हैं.
भारत का Capitol Hill Moment
कुछ दिन पहले अमेरिकी संसद Capitol Hill पर पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के समर्थकों ने हंगामा किया था और उस पर कब्जा कर लिया था. आज वैसा ही नजारा भारत में देखने को मिला. आंदोलनकारियों का एक जत्था पुलिस को चकमा देकर लाल किले पर पहुंच गया है और उसकी प्राचीर पर अपने संगठन का झंडा (निशान साहिब या निशान साहेब) फहरा दिया. इसके साथ ही आंदोलनकारियों ने लाल किले पर कब्जा जमा लिया. हालांकि, तुरंत मौके पर पुलिस पहुंच गई है और आंदोलनकारियों को बाहर निकाला और झंडा उतार दिया.
क्या होता है निशान साहिब या निशान साहेब
निशान साहिब या निशान साहब सिखों का पवित्र त्रिकोणीय ध्वज है. इसे हर गुरुद्वारे के बाहर फहराया जाता है. झंडे के केंद्र में एक खंडा चिह्न (☬) होता है. निशान साहिब खालसा पंथ का परंपरागत प्रतीक है. किसी भी जगह पर इसके फहराने का मतलब उस मोहल्ले में खालसा पंथ की मौजूदगी का प्रतीक माना जाता है.
केंद्रीय मंत्री ने लाल किले पर प्रदर्शन की निंदा की
लाल किले पर आंदोलनकारियों के प्रदर्शन पर केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद सिंह पटेल ने कहा, ‘लालकिला हमारे लोकतंत्र की मर्यादा का प्रतीक है, आन्दोलनकारियों को लालक़िले से दूर रहना चाहिए था. इसकी मर्यादा उल्लंघन की मै निंदा करता हूं. यह दुखद और दुर्भाग्यपूर्ण है.’
तय रूट से अलग रूट पर किसानों का ट्रैक्टर मार्च
आपको बता दें कि पिछले दो महीने से नए कृषि कानूनों के खिलाफ पंजाब, हरियाणा, पश्चिमी उत्तर प्रदेश समेत कई प्रदेशों के किसान दिल्ली के अलग-अलग बॉर्डर पर प्रदर्शन कर रहे हैं. गणतंत्र दिवस के मौके पर आज किसानों ने ट्रैक्टर मार्च निकालने का ऐलान किया था. दिल्ली पुलिस ने ट्रैक्टर मार्च निकालने के लिए तीन रूट तय किए थे, लेकिन किसान तय रूट से अलग रूट पर मार्च निकालने लगे.
आईटीओ पर पुलिस और आंदोलनकारियों के बीच टकराव
दोपहर में किसान दिल्ली बॉर्डर से आईटीओ पहुंचे. पुलिस मुख्यालय से कुछ दूरी पर किसानों का गुस्सा फूट पड़ा. वहां पुलिस की बस को प्रदर्शनकारी किसानों ने ट्रैक्टर से धक्का मारा ताकि उसे सड़क से हटाया जा सके. पुलिस वाले उन्हें समझाते रहे. हालात बेकाबू होने के बाद पुलिस को लाठी भांजनी पड़ी. पुलिस ने कुछ प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार कर लिया.
पुलिस को भांजनी पड़ी लाठियां, छोड़े गए आंसू गैस के गोले
लाठीचार्ज से पहले किसान उग्र थे. कई बार प्रदर्शनकारियों ने पुलिस को घेर लिया. उनके साथ झड़प भी हुई. पुलिस पर प्रदर्शनकारियों ने पथराव भी किया. हालात इतने बेकाबू हो गए कि भारी संख्या में पुलिस बल को मौके पर तैनात करना पड़ा. फिर बेकाबू प्रदर्शऩकारियों को रोकने के लिए पुलिस ने लाठी भांजी. उन पर बल प्रयोग किया.
सिंघु बॉर्डर से हुई थी हंगामे की शुरुआत, तोड़े गए थे बैरिकेड्स
सुबह हंगामे की शुरूआत सिंघु बॉर्डर से हुई, वहां किसानों ने सड़क पर लगाए गए बैरिकेड को तोड़ दिया और ट्रैक्टर मार्च का आगाज कर दिया. जो किसान टिकरी बॉर्डर पर जमे थे, वहां भी बैरिकेड तोड़े गए. वहां जबरदस्त बवाल शुरू हो गया. किसान बैरिकेड को फांदकर दौड़ते हुए दिल्ली की ओर बढ़ने लगे. दूसरी तरफ नोएडा मोड़ पर भी खूब बवाल हुआ और टाइम से पहले ही दिल्ली में घुसने की कोशिश कर रहे किसानों ने बैरिकेड्स तोड़ दिए, जिसके बाद पुलिस को आंसू गैस के गोले बरसाने पड़े.
फिलहाल, लाल किले पर किसान जम गए हैं. बताया ये भी जा रहा है कि और अधिक किसान दूसरी सीमाओं से लाल किले की तरफ बढ़ रहे हैं.