नई दिल्ली। कृषि कानून के विरोध में दिल्ली की सीमाओं पर डटे किसानों और सरकार के बीच 11वें दौर की बातचीत के बाद भी असमंजस की स्थिति बनी हुई है। न तो सरकार कृषि कानून वापस लेने को तैयार है और न ही किसान पीछे हटने को तैयार। अब 12वें दौर की बातचीत कब होगी, ये भी तय नहीं है।
अमरिंदर ने कृषि कानूनों को जल्दबाजी में पास करने पर भी सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि क्या इस देश में एक संविधान है? कृषि अनुसूची के तहत एक राज्य का विषय है। केंद्र ने संसद में चर्चा के बिना इसे क्यों बदल दिया? उन्होंने इसे लोकसभा में पारित कर दिया क्योंकि वे अधिक सदस्य थे। राज्यसभा में यह अराजकता में पारित किया गया क्योंकि उन्हें लगा कि चीजें गलत हो सकती हैं।
Is there a Constitution in this country?Agriculture is a state subject under Schedule 7.Why did Centre change it without discussion in Parliament?They passed it in Lok Sabha as they'd more members. In Rajya Sabha,it was passed in chaos as they sensed things can go wrong:Punjab CM https://t.co/O4OA75ob2Z
— ANI (@ANI) January 22, 2021
किसान पिछले 58 दिनों से दिल्ली की सीमाओं पर कृषि कानूनों को लेकर लाखों की संख्या में किसान प्रदर्शन कर रहे हैं। इस दौरान अब तक 76 किसान मारे जा चुके हैं।