शेखर पंडित
“अअआआ… थू.. सूअर के बच्चों।” ये वाक्य सुनते ही हमें बॉलीवुड के एक कालजयी किरदार गब्बर सिंह की याद आ जाती है। लेकिन गब्बर सिंह को शोले फिल्म में आखिर में पुलिस अधिकारी ठाकुर बलदेव सिंह द्वारा दी गई सजा भुगतनी पड़ी। गब्बर को जय-वीरू के घूँसों के साथ-साथ नोक वाले जूते से भी मार खानी पड़ी थी।
लेकिन उत्तर प्रदेश पुलिस ने एक सनसनीखेज खुलासा करते हुए बताया है कि गब्बर सिंह को ये सजा बसंती को किडनैप करने या फिर रामगढ़ वालों पर अत्याचार के लिए नहीं मिली, बल्कि यहाँ-वहाँ थूकने के लिए मिली थी।
जी हाँ, उत्तर प्रदेश पुलिस ने कोरोना वायरस महामारी के बीच एक बेहद क्रिएटिव संदेश के जरिए लोगों को जागरूक करने के लिए डायरेक्टर रमेश सिप्पी द्वारा निर्देशित 1975 की फिल्म ‘शोले’ का सहारा लिया है।
उत्तर प्रदेश पुलिस ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से इस वीडियो सन्देश को शेयर किया है। उत्तर प्रदेश पुलिस ने ये वीडियो शेयर करते हुए लिखा है, “गब्बर को मिली किस बात की सजा?” इस सन्देश में फिल्म के खलनायक गब्बर सिंह को थूकते हुए दिखाया गया है और उसके बाद बताया गया है कि उसे किस तरह से इसका अंजाम भुगतना पड़ा।
गब्बर को मिली किस बात की सज़ा ? pic.twitter.com/3Dq5UkfIcK
— UP POLICE (@Uppolice) January 20, 2021
वीडियो के अंत में गब्बर सलाखों के पीछे दिखाया गया है और एक सन्देश उभर आता है, “सार्वजानिक स्थानों पर थूकने से Covid-19 के प्रसार का खतरा बढ़ सकता है। यह एक दंडनीय अपराध है।”
उत्तर प्रदेश पुलिस ने वीडियो में एक अंतिम संदेश देते हुए लिखा है, “सार्वजानिक स्थानों पर न थूकें। उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा ‘जान हित’ में जारी। यह वीडियो अब लोगों के बीच बेहद लोकप्रिय हो गया है और बड़े स्तर पर शेयर भी किया जा रहा है।
गौरतलब है कि कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए विभिन्न राज्यों में सरकारें अपने-अपने तरीके आजमा रही हैं। इस वायरस के प्रसार को रोकने के लिए सबसे ज्यादा आवश्यक इसके प्रति जागरूकता है। यही कारण है कि लोगों को रचनात्मकता के जरिए सरकार और पुलिस जागरूक करने का प्रयास कर रही है।