नई दिल्ली। देश को अस्थिर करने की साजिशों में जुटे दहशतगर्दों के लिए सीआरपीएफ (Central Reserve Police Force, CRPF) साक्षात काल बनकर उभरा है। समाचार एजेंसी एएनआइ की रिपोर्ट के मुताबिक सीआरपीएफ ने जम्मू-कश्मीर में साल 2020 में कम से कम 215 आतंकियों का सफाया किया है। सीआरपीएफ के महानिदेशक एपी महेश्वरी ने एक संवाददाता सम्मेलन में बताया कि नगरोटा में बल ने तीन आतंकवादियों को ढेर कर दिया। इस ऑपरेशन में 11 एके -47 राइफलें, तीन पिस्तौल और 29 ग्रेनेड समेत भारी मात्रा में हथियार और गोला-बारूद बरामद हुआ।
सीआरपीएफ प्रमुख ने बताया कि साल 2020 में जिन 215 आतंकियों का सफाया किया गया उनमें 12 लाख रुपए का इनामी हिज्बुल मुजाहिद्दीन का आतंकी रियाज नायकू भी शामिल है। उन्होंने यह भी बताया कि बल ने पिछले साल 32 मावोवादियों का भी खात्मा किया। मारे गए आतंकियों में उग्रवादी संगठन पीएलएफआइ का रिजनल कमांडर 15 लाख रुपये के इनामी जीदन गुड़िया भी शामिल है।
उल्लेखनीय है कि कोबरा बटालियन में शामिल किए जाने वाले जवानों को कड़े मानसिक और शारीरिक मानदंडों में सफल होना पड़ता है। खुफिया सूचना आधारित जंगल युद्ध अभियानों के लिए सीआरपीएफ के तहत साल 2009 में कमांडो बटालियन फॉर रेजोल्यूट एक्शन यानी कोबरा की 10 इकाइयां गठित की गई थी। मौजूदा वक्त सीआरपीएफ में 1986 से ही महिला कर्मी हैं। सीआरपीएफ देश का सबसे बड़ा अर्द्धसैनिक बल है और इसमें करीब 3.25 लाख कर्मचारी हैं। इसका गठन आंतरिक सुरक्षा के मकसदों को पूरा करने के लिए किया गया था।