वाराणसीः कूड़ाघर में मिले डेढ़ दर्जन गायों के शव, प्रशासन की सफाई- कुछ लोगों की शरारत

वाराणसी। उत्तर प्रदेश के वाराणसी के कूड़ाघरों में सिर्फ कूड़ा ही नहीं बल्कि गायों के शवों को भी बड़े ही दर्दनाक तरीके से फेंक दिया जाता है. ठंड की मार और शीतलहर की वजह से छुट्टा और आवारा पशुओं की कल सोमवार को वाराणसी में हुई रिकॉर्ड मौत के बाद करीबन डेढ़ दर्जन मृत गायों के शव शहर के आदमपुर कूड़ाघर में मिलने से हड़कंप मच गया.

मामला तूल पकड़ने के बाद अधिकारियों की ओर से सफाई दी गई कि शवों के निस्तारण के पहले शहर में उसी स्थान कूड़ाघर में जानवरों के शवों को इकट्ठा किया जाता है. यह कुछ लोगों की शरारत भी हो सकती है जिसको लेकर निगरानी बढ़ाई जा रही है और सुधार नहीं होने पर एफआईआर भी कराई जाएगी.

शिकायत के बाद भी सुधार नहीं
आमतौर पर नगरी व्यवस्था के तहत नगर के तमाम घरों से निकलने वाले कूड़ा-कचरा के निस्तारण के पहले शहर में तमाम जगहों पर कूड़ाघर में कूड़ा-कचरा इकट्ठा किया जाता है, लेकिन यहां के कूड़ाघरों में कूड़े के साथ-साथ मृत गायों को भी फेंक दिया जाता है.

सोमवार देर रात ऐसा ही एक मामला वाराणसी के आदमपुर में उस वक्त सामने आया जब डेढ़ दर्जन मृत गायों के शव कूड़ाघर में फेंका पड़ा मिला. इस बारे में इसी इलाके में रहने वाले मलिन बस्ती के नगर निगम के सफाई कर्मियों ने भी बताया की दुर्गंध और संक्रमण के खतरे को लेकर कई बार इसकी शिकायत अधिकारियों से लेकर क्षेत्रीय पार्षद तक से की जा चुकी है, लेकिन नतीजा कुछ नहीं निकलता है. अभी ठंडी के दिनों में तो फिर भी कुछ गनीमत है नहीं तो गर्मी के दिनों में दुर्गंध से जीना मुहाल हो जाता है.

कूड़ाघर में मरे जानवरों के शव मिलने पर वाराणसी के पशु चिकित्सा अधिकारी अजय प्रताप सिंह ने सफाई दी कि ठंडी और शीतलहर के चलते सोमवार को वाराणसी नगर क्षेत्र में रिकॉर्ड 31 पशुओं की मौत हुई है और जिस आदमपुर के कूड़ाघर में मृत गाय मिली हैं उसी स्थान पर नगर के समस्त छुट्टा और पालतू पशुओं के शव को निस्तारण के पहले इकट्ठा किया जाता है और मृत गायों को भी उसी के तहत वहां रखा गया था.

वाराणसी के पशु चिकित्सा अधिकारी अजय प्रताप सिंह (Photo-रोशन)
वाराणसी के पशु चिकित्सा अधिकारी अजय प्रताप सिंह 

जरुरत पड़ी तो मुकदमा करेंगेः पशु चिकित्सा अधिकारी 
अजय प्रताप सिंह ने यह भी बताया कि गायों की ज्यादा संख्या के पीछे किसी की शरारत भी हो सकती है क्योंकि नगर निगम के ठेकेदारों के अलावा भी कई अन्य लोग पशुओं के शवों को वहां फेंक सकते हैं, ऐसी संभावना है. जबकि नियम के अनुसार, नगर निगम के ठेकेदार के द्वारा ही पशुओं के शव का निस्तारण होता है. इसके अलावा कोई दूसरा नहीं कर सकता है. उन्होंने कहा कि इस बारे में बार-बार शिकायतें भी आई हैं और हमने इस बारे में एफआईआर भी कराया है.

फिलहाल आदमपुर के कूड़ाघर के अंदर मृत पड़ी मिली गायों के मामले में अब आगे से वहां नगर निगम के कर्मियों की ड्यूटी भी लगाई जाएगी और जरूरत पड़ी तो आगे मुकदमा भी कराया जा सकता है.