लखनऊ। बसपा के तत्कालीन महासचिव नसीमुद्दीन सिद्दीकी और पूर्व प्रदेश अध्यक्ष रामअचल राजभर को एमपी एमएलए कोर्ट के विशेष जज पवन कुमार राय ने मंगलवार को जेल भेज दिया। कोर्ट ने सोमवार को दोनों की संपत्ति की कुर्की के आदेश दिए थे और पूर्व में भगौड़ा घोषित किया था। मंगलवार को दोनों आरोपित न्यायालय में हाजिर हुए और जमानत अर्जी दाखिल की। इसपर न्यायालय ने दोनों को वहीं से न्यायिक हिरासत में लेकर जेल भेज दिया।
भाजपा नेता दयाशंकर सिंह के परिवार की महिलाओं को अशोभनीय शब्द बोलने के मामले में नसीमुद्दीन सिद्दीकी और रामअचल राजभर आरोपित हैं। लंबे समय से दोनों न्यायालय में हाजिर नहीं हो रहे थे। संपत्ति को कुर्क होने से बचाने के लिए एमपी एमएलए के विशेष कोर्ट में दोनों आरोपितों ने मंगलवार को आत्मसमर्पण किया था। दोनों की ओर से उन्हें जमानत पर रिहा करने की अर्जी दी गई। इस अर्जी पर कोर्ट ने बुधवार को सुनवाई करने और दोनों को हिरासत में लेकर जेल भेजने के निर्देश दिए।
गौरतलब है कि भाजपा नेता दयाशंकर सिंह की मां तेतरी देवी ने नसीमुद्दीन सिद्दीकी, रामअचल राजभर के अलावा तत्कालीन राष्ट्रीय सचिव मेवालाल गौतम, अतरह सिंह राव और नौशाद अली के खिलाफ हजरतगंज कोतवाली ने एफआइआर दर्ज कराई थी। 12 जनवरी 2018 को पुलिस ने आरोपितों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी। 22 जुलाई 2016 को दर्ज कराई गई एफआइआर में पूर्व मुख्यमंत्री मायावती को भी नामजद किया गया था। आरोप है कि नसीमुद्दीन सिद्दीकी व रामअचल राजभर समेत अन्य की अगुवाई में हजरतगंज चौराहा स्थित अंबेडकर प्रतिमा पर सैकड़ों की संख्या में लोगों ने धरना दिया था। इस दौरान दयाशंकर सिंह की मां, बेटी व परिवार की अन्य महिलाओं के लिए अशोभनीय भाषा का इस्तेमाल किया गया था।