ब्रिस्बेन में खेले गए निर्णायक टेस्ट मैच में ऋषभ पंत की नाबाद 89 रनों की पारी के दम पर टीम इंडिया ने गाबा के मैदान पर तिरंगा लहरा दिया. भारतीय क्रिकेट टीम ने ब्रिस्बेन में खेले गए चौथे टेस्ट में ऑस्ट्रेलिया को 3 विकेट से धूल चटाते हुए टेस्ट सीरीज 2-1 से जीत ली है. भारत ने लगातार दूसरी बार ऑस्ट्रेलिया को उसके ही घर में टेस्ट सीरीज में पटखनी दी है. ब्रिस्बेन में 33 साल से ऑस्ट्रेलिया नहीं हारा था, लेकिन टीम इंडिया ने इसको भी मुमकिन कर दिखाया और गाबा के मैदान पर ऑस्ट्रेलिया की बादशाहत का अंत कर दिया.
भारतीय टीम ने बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी लगातार तीसरी बार अपने नाम कर जीत की हैट्रिक लगाई है. इससे पहले भारत ने पिछली दोनों सीरीज जीतकर बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी पर कब्जा किया था. 2018/19 में पिछले ऑस्ट्रेलिया दौरे में भारत ने 2-1 से और इससे पहले 2016/17 में भारत ने अपने घर में ऑस्ट्रेलिया को इतने ही अंतर से मात दी थी. विराट कोहली की गैरमौजूदगी में टीम इंडिया ने मुश्किल काम को भी कर दिखाया और ऑस्ट्रेलिया को टेस्ट सीरीज में मात दे दी. इस मैच में टीम इंडिया की जीत के 7 हीरो रहे. आइए एक नजर डालते हैं उन 7 धुरंधरों पर-
1. ऋषभ पंत- ब्रिस्बेन टेस्ट की दूसरी पारी में नंबर 5 पर बल्लेबाजी के लिए उतरे ऋषभ पंत ने शुभमन गिल जैसे ही तेवर दिखाए और आक्रामक अंदाज में बैटिंग की, जिससे भारत इस मैच को जीतने में सफल रहा. ऋषभ पंत ने नाबाद 89 रनों की शानदार पारी खेली और अपने दम पर भारत को ऐतिहासिक जीत दिलाई.
2. शार्दुल ठाकुर- ब्रिस्बेन टेस्ट में शार्दुल ठाकुर असली हीरो बनकर उभरे हैं. इस मैच में शार्दुल ठाकुर ने कुल 7 विकेट झटके और बल्ले के साथ 67 रन भी बनाए. इसके अलावा शार्दुल ने दो बेहतरीन कैच भी लपके. पहली पारी में बल्ले के साथ शार्दुल ने तब मोर्चा संभाला जब 186 के स्कोर पर भारत के 6 विकेट गिरे चुके थे. उस समय ऑस्ट्रेलिया के स्कोर से भारत 183 रन पीछे था. शार्दुल अगर 67 रन नहीं बनाते तो ऑस्ट्रेलिया को बड़ी बढ़त मिल जाती और भारत को हार का सामना करना पड़ता.
3. वॉशिंगटन सुंदर- ऑलराउंडर वॉशिंगटन सुंदर ने अपने डेब्यू मैच में वो कमाल कर दिखाया जो बहुत कम देखने को मिलता है. टीम को जब रनों की सबसे ज्यादा जरूरत थी तो उन्होंने अपनी बेहतरीन बल्लेबाजी तकनीक का नमूना पेश किया. इस मैच में सुंदर ने 62 रन बनाए और कुल 4 विकेट झटके, जिसमें स्टीव स्मिथ और डेविड वॉर्नर जैसे दिग्गजों के विकेट शामिल थे. वॉशिंगटन सुंदर और शार्दुल ठाकुर ने मिलकर सातवें विकेट के लिए 123 रनों की पार्टनरशिप की और भारत को पहली पारी में नहीं पिछड़ने दिया. सुंदर ने दूसरी पारी में भी उपयोगी 22 रन बनाए.
4. शुभमन गिल- युवा बल्लेबाज शुभमन गिल ने अपनी बल्लेबाजी से सभी का दिल जीत लिया. शुभमन गिल ने बतौर ओपनर ब्रिस्बेन टेस्ट की चौथी पारी में जो टेस्ट क्रिकेट में सबसे मुश्किल होती है, उस हालात में बेहतरीन 91 रन ठोक दिए. शुभमन गिल की पारी में 8 चौके और 2 छक्के शामिल थे. गिल ने पुजारा के साथ मिलकर 114 रनों की पार्टनरशिप की. शुभमन गिल ने यह पारी खेलकर बताया कि वह आने वाले समय में भारत के सुपर स्टार खिलाड़ी बन सकते हैं. शुभमन गिल ने कंगारुओं के खिलाफ उनके ही घर में अपना लोहा मनवाया है.
5. चेतेश्वर पुजारा- टीम इंडिया की दीवार चेतेश्वर पुजारा ने सिडनी टेस्ट की तर्ज पर ब्रिस्बेन में कमाल की पारी खेली. चेतेश्वर पुजारा ने एक छोर संभाले रखा और विकेट नहीं गिरने दिए. इसका फायदा शुभमन गिल और ऋषभ पंत ने उठाया और खुलकर बैटिंग की. पुजारा ने 56 रनों की शानदार पारी खेली और भारत की जीत में उनका बड़ा योगदान रहा.
6. मोहम्मद सिराज- भारत के दाएं हाथ के तेज गेंदबाज मोहम्मद सिराज ने ब्रिस्बेन टेस्ट की दूसरी पारी में पहली बार पारी में 5 विकेट लिये. ब्रिस्बेन टेस्ट में ऑस्ट्रेलिया की दूसरी पारी में सिराज ने 73 रन देकर 5 विकेट चटकाए. इसके साथ ही वह गाबा के मैदान पर एक पारी में 5 या इससे अधिक विकेट लेने वाले भारतीय गेंदबाजों की लिस्ट में शामिल हो गए. इस तरह सिराज ने ऑस्ट्रेलिया को दूसरी पारी में ज्यादा बड़ा स्कोर नहीं बनाने दिया. मोहम्मद सिराज के पास कमाल की तेजी है और उन्होंने विकेट के सामने अपनी सीधी गेंदों से ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाजों की नाक में दम किया है.
7. टी नटराजन- भारत के बाएं हाथ के तेज गेंदबाज टी नटराजन के लिए यह ऑस्ट्रेलियाई दौरा लकी साबित हुआ. वनडे और टी-20 में डेब्यू के बाद उन्हें टेस्ट भी मौका मिला. ब्रिस्बेन टेस्ट में डेब्यू करते हुए नटराजन ने पहली पारी में 3 विकेट झटके और अपनी घातक गेंदबाजी से सभी का दिल जीता. नटराजन के पास सटीक यॉर्कर और दमदार बाउंसर्स हैं, जिससे उन्होंने ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाजों की नाक में दम कर दिया. इस मैच में नटराजन की गेंदबाजी भी भारत के लिए अहम साबित हुई.