हाथरस/लखनऊ। हाथरस के बूलगड़ी गाँव में 14 सितंबर को दलित लड़की के साथ हुए कथित बलात्कार व उसके बाद इलाज के दौरान हुई उसकी मौत के बाद पूरे देश से आक्रोश की आवाज उठी थी। पीड़िता की मौत के बाद यूपी सरकार ने सीबीआई को इसकी जाँच सौंपी थी। वहीं अब घटना के मुख्य आरोपित को लेकर एक चौकाने वाली जानकारी सामने आई है कि पॉलीग्राफ टेस्ट में संदीप ने अधिकतर जवाब गलत दिए है।
दरअसल, घटना के बाद से ही संदीप अपनी मौजूदगी पिता के साथ घर के बाहर बता रहा था, जबकि पॉलीग्राफी टेस्ट में उसका घटनास्थल के आस-पास ही होना पाया गया है। रिपोर्ट के अनुसार, पॉलीग्राफी टेस्ट के दौरान संदीप से जो भी सवाल पूछ गए, उसका उसने सही तरीके से जवाब नहीं दिया था। जिस वजह उस पर संदेह बना हुआ है।
बता दें संदीप को लेकर उठ रहे सवालों के जवाब के लिए आरोपितों का पॉलीग्राफी टेस्ट कराया गया था। पॉलीग्राफी टेस्ट की रिपोर्ट में संदीप का भी घटना स्थल के आसपास होना पाया गया है। इस टेस्ट के ज्यादातर सवाल पीड़िता से जुड़े हुए थे। पीड़िता पर हमले के समय वह कहाँ पर था? पीड़िता से उसका मेलजोल था या नहीं, उससे फोन पर बातचीत होती थी या नहीं, वह युवती की निगरानी करता था या नहीं? बाकी आरोपितों का कनेक्शन क्या है। ऐसे कई सवाल किए गए।
जाँच के दौरान जवाबों के साथ-साथ ही आरोपित संदीप के हाव-भाव का भी अध्ययन किया गया। पॉलीग्राफी टेस्ट रिपोर्ट के अनुसार संदीप के जब यह पूछा गया कि क्या घटना के दिन 14 सितंबर को वह उस खेत की निगरानी कर रहा था, जिस पर पीड़िता जा रही थी तो उसका जवाब नहीं था। टेस्ट रिपोर्ट में यह बात सामने आई कि उसने यह झूठ बोला।
इसी तरह पॉलीग्राफ टेस्ट रिपोर्ट मे जब उससे यह पूछा गया कि क्या वह 14 सितंबर को पीड़िता पर खेत मे हुए जानलेवा हमले में शामिल था। तब भी उसने इस बात से इनकार कर दिया था। जोकि रिपोर्ट में झूठ निकला। वहीं जब उससे यह पूछा गया कि क्या घटना के दिन छोटू के खेत में उसने पीड़िता तो छुआ था तो इसका उत्तर भी उसने न में ही दिया।
पॉलीग्राफी टेस्ट के हिसाब से उसका यह उत्तर भी गलत था। इसी तरह उससे यह सवाल भी पूछे गए कि क्या उसे पीड़िता का दुपट्टे से गला दबाया था और क्या उसका पीड़िता से कोई संबंध था तो उसने इसका उत्तर भी न में दिया। पॉलीग्राफी टेस्ट के हिसाब से यह उत्तर भी उसके संशयपूर्ण ही थे। बता दें इस मामले की अगली सुनवाई 29 जनवरी को होनी है।
गौरतलब है कि केंद्रीय जाँच ब्यूरो (सीबीआई) ने 22 सितंबर को पीड़िता द्वारा दिए गए अंतिम बयान के आधार पर चार आरोपितों के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया था। सीबीआई ने विशेष न्यायालय में चारों आरोपितों संदीप, रवि, रामू और लवकुश के खिलाफ धारा 376, 376 ए,376 डी, 302 व 3(2)(5) एससी-एसटी एक्ट के तहत चार्जशीट दाखिल की थी।
वहीं सीबीआई को दोनों की कॉल डिटेल चेक करने पर मालूम चला कि 17 अक्टूबर 2019 से 3 मार्च 2020 के बीच में दोनों ने एक-दूसरे को 105 बार कॉल किया था। मृतका भी संदीप को क़ॉल करती थी। दोनों की फोन पर बातें हुआ करती थीं। लेकिन एक समय के बाद लड़की से बातचीत बंद होने पर संदीप नाराज हो गया था।