अयोध्या में भव्य राम मंदिर निर्माण की तैयारी शुरु हो चुकी है, शिलान्यास को करीब पांच महीने बीत चुके हैं, लेकिन कई तकनीकी दिक्कतों की वजह से अब तक मंदिर की नींव नहीं रखी जा सकी है, राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट महासचिव चंपत राय ने जानकारी दी कि इसे लेकर काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है, क्योंकि जहां मंदिर निर्माण होना ,त वहां जमीन भुरभुरी है, तथा काफी गहराई तक वहां मलबा नहीं है।
चंपत राय ने न्यूज एजेंसी से बात करते हुए बताया कि जिस दिन मंदिर बनना शुरु हो जाएगा, हम 36 से 39 महीनों में इसे पूरा कर देंगे, हम सोचते थे, कि जून में ही मंदिर बनना शुरु हो जाएगा, लेकिन 7 महीने से स्टडी पूरी नहीं हो सकी, जमीन के नीचे भुरभुरी बालू है, या गहराई तक कोई मलबा भरा पड़ा है, राम जन्मभूमि तीर्थक्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव ने कहा इसलिये ऐसा फाउंडेशन हो, जो वजन को शताब्दियों तक सहन कर सके, इसी को ध्यान में रखते हुए काम किया जा रहा है।
दरअसल पिलर्स पर राम मंदिर निर्माण का परीक्षण सफल नहीं होने के बाद अब नया प्लान तैयार किया जा रहा है, फैसला लिया गया है कि श्रीराम जन्मभूमि परिसर में मंदिर निर्माण के लिये अब पिलर्स नहीं बनेंगे, अब खुदाई कर पत्थरों से नींव बनाये जाने पर सहमति बनी है, पिलर्स की ही तरह पहले पत्थरों की नींव बनाकर उसका भी परीक्षण होगा।
वहीं यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने रविवार को कहा कि पीएम मोदी के हाथों अयोध्या में राम मंदिर का शिलान्यास होना साबित करता है कि मंदिर आंदोलन सकारात्मक था, तथा नकारात्मक सोच रखने वाले लोगों ने ही इस मुंहिम को बदनाम किया।