100 से ज्यादा बच्चियों का सेक्स गैंग लीडर अहदल अली जेल से रिहा: 26 साल की थी सजा, 8 साल में बाहर

13 साल तक की किशोर लड़कियों को वेश्यावृत्ति में ढकेलने वाले यौन अपराधी अहदल ‘एडी’ अली (Ahdel ‘Eddie’ Ali) को उसकी सजा का केवल एक तिहाई समय जेल में काटने के बाद हाल में रिहा कर दिया गया। अहदल उर्फ एडी अली अपने भाई मुबारक अली और 5 अन्य लोगों के साथ श्रॉपशायर (इंग्लैंड) के टेलफोर्ड में ट्रैफिकिंग गैंग चलाता था और ये गैंग 100 से ज्यादा किशोरियों को अपना निशाना बना चुका था।

मिरर की खबर के अनुसार, साल 2012 में 32 साल के अहदल अली को 26 साल की सजा मुकर्रर की गई थी। लेकिन वह आठ साल में रिहा कर दिया गया। साल 2006 से 2009 के बीच ये शख्स 13 साल तक की किशोरियों से वेश्यावृत्ति करवाने के बदले उन्हें खाना, पैसा और शराब का वादा करता था और उनका इस्तेमाल बाल वेश्याओं की तरह करता था।

अली भाइयों को बाल वेश्यावृत्ति के अलावा 13 साल से 17 साल तक की 4 लड़कियों के साथ कई अपराध करने का दोषी पाया गया था। ये दोनों भाई अपराध के दौरान शादीशुदा थे। जानकारी के मुताबिक दो साल पहले अहदल पर कुछ कैदियों ने रेजर ब्लेड से हमला किया था, जिसके कारण उसे गहरा घाव आया था और 40 टाँके भी लगे थे।

हाल में अहदल की रिहाई की खबर की पुष्टि टेलफॉर्ड एमपी लूसी अलान ने की है। उन्होंने मीडिया को बतााया कि वह इस बात को लेकर चिंतित हैं कि कानून अभी भी अपराधियों की समय से पहले जल्द रिहाई की अनुमति देता है। हालाँकि, अहदल अली और मुबारक अली की सजा के बाद, ये सब रोकने के लिए कानून बदल चुका है। और उन्हें इस बदलाव में अपनी भूमिका अदा करने पर गर्व है।

न्याय मंत्रालय की ओर से अहदल को रिहा करते हुए कहा गया है कि गंभीर यौन अपराधी को लाइसेंस पर रिहा किया गया है और उस पर नजर रखी जाएगी। अगर वह शर्तों का उल्लंघन करता है तो उसे दोबारा जेल में डाला जा सकता है।

उल्लेखनीय है कि स्टाफ़फोर्ड क्राउन कोर्ट ने अली भाइयों के मामले की सुनवाई के दौरान 15 और 16 साल की लड़कियों को केस से जोड़ा था, जो 2008 में वेश्या के तौर पर काम करती थीं। अली भाइयों की सजा गैंग के अन्य सदस्यों से ज्यादा तय की गई थी क्योंकि इन्हें कई अपराधों में दोषी पाया गया था जबकि बाकी अपराधियों को ढाई से सात साल की सजा मिली थी।

बता दें कि यूनाइटेड किंग्डम के गृह मंत्रालय के अनुसार देश में टेल्फॉर्ड बाल यौन अपराध के मामले में तीसरे नंबर पर है। यहाँ एक अनुमान के अनुसार 1000 लड़कियाँ ऐसी अलग-अलग गैंग का शिकार हो चुकी हैं। इनमें कई 11 वर्ष की भी होती हैं।