सकीना कासिम जैदी
स्कूलों का ‘न्यू नॉर्मल’ बदलाव है- ऑनलाइन क्लासरूम. 2020 की शुरूआत तक मोबाइल फोन्स, कम्प्यूटर्स और दूसरे इलेक्ट्रॉनिक उपकरण पढ़ाई से विमुख करने वाले माने जाते थे और भारत के शिक्षा क्षेत्र में मुख्य तौर पर गायब से थे. महामारी के दौरान छात्रों को बिना बाधा के गुणवत्ता वाली एजुकेशन देने के लिए एजुकेशन सेक्टर को मजबूरन गैजेट्स पर ही निर्भर होना पड़ा है. दिन में 6 घंटे तक लगातार एलसीडी की स्क्रीन पर ही पढ़ाई करने से ऊब हो सकती है, ऐसे में उन तरीकों पर चर्चा होनी चाहिए जिनके जरिए घर पर रहकर पढ़ाई कर रहे छात्र भी अपनी क्लासरूम के आनंद के साथ पढ़ाई पर फोकस कर सकें.
ऑनलाइन मॉर्निंग असेम्बली
मॉर्निंग असेम्बली में सुबह सुबह टीचर्स और स्टूडेंट्स छोटी-छोटी प्रार्थनाएं साथ गाते हैं और एक ‘दिन का विचार भी’, जो किसी भी दिन की अच्छी शुरुआत के लिए बेहतरीन तरीका होता है. क्लासेज ऑनलाइन हो चुकी हैं, इसका मतलब ये नहीं है कि मॉर्निंग असेम्बली ऑनलाइन नहीं हो सकती! वही दिनचर्या अब भी हर क्लास के स्तर पर दोहराई जा सकती है, जो भी टीचर पहली क्लास लेगा, वो सुबह की प्रार्थनाओं से शुरूआत कर सकता है. वो बारी बारी से जिम्मेदारी दे सकते हैं कि ‘थॉट ऑफ द डे’ कौन सुनाएगा और एक स्टूडेंट को ये भी जिम्मेदारी दे सकते हैं कि उन्होंने जो कुछ भी दिलचस्प सीखा है, उसका तर्जुबा क्लास से शेयर करें या फिर कोई ड्रॉइंग, या कोई पोइम और कुछ भी रचनात्मक जो उन्होंने बनाया हो.
इंट्रेक्टिव डिजिटल क्विज
एक क्लासरूम में बच्चों की रुचि बनाए रखने के लिए ऑनलाइन क्विज सबसे बेहतरीन तरीका हो सकते हैं. ये उन्हें सिखाने का एक ईमानदार व प्रतियोगी माध्यम हो सकता है. ऐसी क्विजेज तीन चार सवालों की हो सकती हैं, जिनके जवाब चैट विकल्प में दिए जा सकते हैं. क्विजेज क्लास के बीच में भी जोड़ी जा सकती हैं, जैसे- तीन सवालों के जवाब दीजिए या किसी चैप्टर के आखिर में उसको खत्म करने पर पढ़ाए गए मुद्दे से जुड़े तीन सवाल आदि. या तो टीचर ही उन्हें बेस्ट परफॉर्मर का अवॉर्ड दे सकते हैं या फिर उनकी उपलब्धि के बारे में उनके माता पिता को बता दें.
एक्टिविटी बेस्ड लर्निंग
अब चूंकि स्टूडेंट्स घरों में हैं, उनको कई ऐसी एक्टिविटीज में शामिल किया जा सकता है जिससे उन्हें कुछ सीखने को मिले. पॉवर प्वॉइंट स्लाइड्स और क्विजेज स्टूडेंट्स को ऊब से बचाने के लिए बेहतरीन रास्ते हैं, इससे इतर छोटे स्टूडेंट्स निश्चित ही फिजिकल एक्टिविटीज को पसंद करते हैं. आसान एक्टिविटीज ये हो सकती हैं- शेप्स के रीयल लाइफ उदाहरण तलाशना, बिना आग के उन्हें बेसिक कुकिंग में शामिल करना, इसके अलावा सवालों के जवाबों के रूप में आर्ट और क्राफ्ट का इस्तेमाल करना. स्टूडेंट्स के पास भी क्रिएटिव होने व अपनी ऊर्जा को बढ़ाने का मौका मिलेगा.
ऑनलाइन हॉबी क्लासेज
इन दिनों बच्चे कोविड 19 के खतरे के चलते कहीं ब्रेक लेने के लिए बाहर नहीं जा सकते. इसके बजाय उनकी हॉबीज विकसित करने के लिए तमाम तरह के ऑनलाइन रिर्सोसेज की मदद ली जा सकती है. इसके तहत योगा, डांस, म्यूजिक, कुकिंग, किचन गार्डनिंग आदि एक्टिविटीज को ऑनलाइन सिखाया जा सकता है. ये सभी अनिवार्य एक्टिविटीज में शामिल नहीं हो सकती हैं लेकिन स्टूडेंट्स को तरोताजा महसूस कराने का एक अच्छा रास्ता है. इनमें से कुछ एक्टिविटीज में उनके साथ माता पिता को भी शामिल किया जा सकता है, इससे उन्हें साथ में समय गुजारने का भी वक्त मिल जाता है.
क्लासेज के दौरान फिजिकल एक्टिविटीज
हां, ये बिलकुल मुमकिन है. लगातार स्क्रीन को देखने का समय बढ़ाना आंखों पर बुरा असर छोड़ता है. टीचर्स को भी कुछ मिनटों का ब्रेक लेकर आंखों की मसल्स की एक्सरसाइज करने की ट्रेनिंग देनी चाहिए. ये बहुत आसान और असरदार एक्सरसाइज होती हैं. एक सामान्य क्लासरूम में जहां आप किसी फिजिकल एक्टिविटी में 30-40 बच्चों को एक साथ शामिल नहीं कर सकते हैं, ऑनलाइन क्लासरूम में किया जा सकता है. तेजी से पास वाले कमरे तक दौड़ के जाना और किसी परिवार के सदस्य को गले मिलकर आना, खड़े खड़े उसी जगह पांच बार कूदना जैसी कई फिजिकल एक्टिविटीज एक क्लास में शामिल की जा सकती हैं.
(लेखिका ऑरकिड्स द इंटरनेशनल स्कूल, पैनाथुर की प्रिंसिपल हैं. ये उनके निजी विचार हैं)