नई दिल्ली। सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात(यूएई) ने पाकिस्तान के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की है। अब पाकिस्तान दोनों देशों को खुश करने में लगा हुआ है। इसी कड़ी में पाकिस्तान ने यूएई के वाइस प्रेसिडेंट और दुबई के शासक शेख मोहम्मद बिन राशिद अल मक्तूम को 150 दुर्लभ बाज देने को मंजूरी दे दी है।
दुनियाभर के वन्यजीव विशेषज्ञों की चिंताओं के बाद भी इमरान सरकार ने यह फैसला लिया है। इमरान के इस फैसले की कड़ी आलोचना हुई है। दरअसल सऊदी अरब और यूएई दोनों ने पाकिस्तान के खिलाफ कड़ी करनी शुरू कर दी है। इससे डरी इमरान सरकार दुबई के शासक को खुश करने के लिए बाज भेजने का फैसला लिया है।
150 बाज ‘निर्यात’ करने की दी अनुमति
पाकिस्तानी मीडिया रिपोर्ट में कहा गया इमरान सरकार ने यूएई को 150 बाज ‘निर्यात’ करने की विशेष अनुमति दी है। रिपोर्ट के मुताबिक, यह इजाजत पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय ने दी है और बाजों को यूएई के दूतावास को दे दिया गया है।
गौरतलब है कि इन दुर्लभ बाज की सहायता से अरब देशों के शिकारी हुबारॉ पक्षियों का शिकार करते हैं। इमरान सरकार ने यह इजाजत तब दी है जब संऊदी अरब ने अपने बचे हुए 2 अरब डॉलर कर्ज वापस करने को कहा है, तो वहीं वहीं यूएई ने पाकिस्तानी नागरिकों को वीजा देने पर बैन लगा दिया है। काफी संख्या में पाकिस्तानी नागरिक यूएई में रहते हैं और पैसा भेजते हैं।
अंतरराष्ट्रीय कानूनों के अनुसार बाज एक संरक्षित जीव है। इस पक्षी के निर्यात प्रतिबंधित है, लेकिन पाकिस्तानी सरकार ने अपनी डूब रही नाव को बचाने के लिए अब इन बेजुबानों की बलि दे दी है। अरब के शिकारी अब इन बाज का शिकार करने के लिए इस्तेमाल करेंगे। पाकिस्तान में भी बाज की बिक्री बैन है और इसका व्यापार गैर कानूनी है।
पाकिस्तान की अदालत ने शिकार पर लगाई थी रोक
पाकिस्तानी की अदालत ने इससे पहले साल 2014 में बाज के निर्यात और हुबारॉ के शिकार पर बैन लगा दिया था। उस समय भी सऊदी अरब और यूएई के साथ पाकिस्तान के संबंध खराब हो गए थे। इसके बाद पाकिस्तान सरकार घटने टेक दी और बाज को भेजने की इजाजत दे दी थी।