‘इंडियन डिजिटल मीडिया असोसिएशन (IDMA)’ ने ‘रिपब्लिक मीडिया नेटवर्क’ के मुख्य संपादक अर्णब गोस्वामी की गिरफ़्तारी और मुंबई पुलिस की ‘मनमानी’ पर हैरानी जताई है। ‘रिपब्लिक टीवी’ के अनुसार, अर्णब गोस्वामी के साथ दुर्व्यवहार किया गया, उन्हें जबरन पुलिस थाने ले जाते समय कई गाड़ियों का बदल-बदल कर इस्तेमाल किया गया। चैनल ने ये भी बताया है कि अर्णब गोस्वामी की गिरफ़्तारी के लिए पुलिस न तो कोई वारंट और न ही कोई अदालती आदेश लेकर आई थी।
IDMA ने कहा कि वीडियो में दिख रहे विजुअल्स से ये स्पष्ट है कि पुलिस अर्णब गोस्वामी की पत्नी पर लगातार दबाव बना रही थी और उन्हें जबरन एक दस्तावेज पर हस्ताक्षर करने को कह रही थी, और वो कौन से दस्तावेज थे, ये स्पष्ट नहीं है। IDMA ने इसे ‘महाराष्ट्र सरकार की मनमानी की हैरान कर देने वाली अवस्था’ बताया और कहा कि एक पत्रकार को चुप कराने के लिए स्टेट मशीनरी का इस्तेमाल किया जा रहा है।
IDMA ने ये भी याद दिलाया कि ‘रिपब्लिक मीडिया नेटवर्क’ के दोनों चैनलों द्वारा महाराष्ट्र सरकार की आलोचना की गई थी, इसीलिए ये ‘बदले की भावना’ से की गई कार्रवाई हो सकती है। उसने न सिर्फ इसे मीडिया की स्वतंत्रता का हनन बताया, बल्कि व्यक्तिगत आज़ादी का हनन भी करार दिया। साथ ही कहा कि ये उस स्वाधीनता का अतिक्रमण है, जिसे भारत के संविधान द्वारा हर नागरिक को प्रदान की गई है।
Statement condemns state high-handedness used by the Maharashtra government displayed against Republic TV and Mr. Arnab Goswami. IDMA vows to fight #ArnabGoswami #ArnabGoswamiArrested pic.twitter.com/qgYyEKyxuE
— Indian Digital Media Association (@IndiaIDMA) November 4, 2020
IDMA ने चेताया कि जिन लोगों पर नागरिकों की रक्षा की जिम्मेदारी है, जब उन्हीं लोगों से नागरिकों को खतरा पैदा हो जाता है – तब लोकतांत्रिक शक्तियों को अपनी पूरी शक्ति लगा कर निष्पक्षता से न्याय की माँग करनी चाहिए। संस्था ने कहा कि अगर कुछ गलत हुआ है तो पुलिस कार्रवाई करने का अधिकार रखती है, लेकिन इसमें कानून का पालन किया जाना चाहिए। साथ ही इस घटनाक्रम को ‘रिपब्लिक’ के खिलाफ महाराष्ट्र सरकार का ‘विच हंट’ करार दिया, जो पिछले कई हफ़्तों से चल रहा है।
IDMA ने माँग की है कि अर्णब गोस्वामी को तुरंत रिहा किया जाए और राज्य सरकार भारत की जनता को स्पष्टीकरण दे कि नागरिकों के अधिकारों का इस तरह से क्यों हनन किया जा रहा है। डिजिटल मीडिया संस्थानों का समूह IDMA ने आशंका जताई कि छोटे मीडिया संस्थानों की आवाज़ों को दबाने के लिए कुछ भी किया जा सकता है। संस्था ने ऐसी कोशिशों का विरोध करते हुए इसके खिलाफ लड़ाई की बात भी कही।
ज्ञात हो कि ‘रिपब्लिक मीडिया नेटवर्क’ और ‘ऑपइंडिया’ सहित 9 मीडिया संस्थानों ने मिल कर ‘इंडियन डिजिटल मीडिया असोसिएशन (IDMA)’ नामक प्लेटफॉर्म का गठन किया है। ये भारत में डिजिटल मीडिया प्लेटफॉर्म्स का सबसे बड़ा समूह है। ये भारत के स्वामित्व वाला, भारत का, और भारत के लिए समर्पित मीडिया समूह होगा। इसके सभी संस्थापक सदस्यों के 10 करोड़ यूजर्स हैं और ये सभी ‘इंडिया फर्स्ट’ की थ्योरी पर काम करेंगे।