‘इन्होंने मेरे बेटे को मारा’ – मुंबई पुलिस की वैन से अर्णब ने सुनाई आपबीती, प्रकाश जावड़ेकर ने कहा – ‘आपातकाल की याद’

मुंबई। मुंबई पुलिस ने आज (नवंबर 4, 2020) अर्णब गोस्वामी के साथ बदसलूकी करने की हर हद्द को पार करते हुए उनके घर में घुस कर उनसे मारपीट की और उन्हें गिरफ्तार करके अपने साथ ले गए।

केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने इस घटना की सूचना पाते ही प्रेस पर हुए हमले की निंदा की और इस पूरे घटनाक्रम को आपातकाल जैसा बताया।

उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा, “महाराष्ट्र में प्रेस पर हुए हमले की हम निंदा करते हैं। यह कोई तरीका नहीं है प्रेस से बर्ताव का। ये हमको आपातकाल के दिनों की याद दिलाता है, जब प्रेस के साथ ऐसा बर्ताव होता था।”

दूसरी ओर रिपब्लिक टीवी की कवरेज में अर्णब अपने रिपोर्टर के सामने पुलिस वैन से अपनी बात रखते नजर आ रहे हैं। अर्णब ने बताया कि न केवल पुलिस ने उनके साथ मारपीट व दुर्व्यवहार किया बल्कि उनके बेटे को भी पीटा।

वीडियो में अर्णब को कहते सुना जा सकता है कि मुंबई पुलिस ने उन्हें उनके परिवार तक से नहीं मिलने दिया। उन्हें उनके सास-ससुर से भी बात नहीं करने दी गई।

वह कहते हैं, “इन्होंने मुझे मारा। मुझे प्रताड़ित किया। इन्होंने मुझे मेरे परिवार से मिलने नहीं दिया। मेरे सास-ससुर से मिलने नहीं दिया। इन्होंने मेरे बेटे को मारा। इन्होंने मुझे मेरे घर में शारीरिक रूप से प्रताड़ित किया। “

रिपब्लिक टीवी के मुताबिक, अर्णब के घर पहुँची पुलिस टीम के पास कोई समन, दस्तावेज या कोर्ट के पेपर तक नहीं थे। इसके बाद भी पुलिस ने अपनी जाँच का हवाला दे-दे कर चैनल के पत्रकार निरंजन नारायणस्वामी और संजय पाठक को अर्णब के घर में घुसने से रोका, साथ ही सभी प्रवेश व निकास की जगहों को बंद करवा दिया।

बता दें कि अर्णब के घर आज भारी तादाद में पुलिसकर्मी उन्हें गिरफ्तार करने पहुँचे थे। मौके पर पहुँचे रिपब्लिक टीवी के पत्रकारों ने बताया कि पुलिस द्वारा उन्हें बाहर निकाल दिया गया है और अंदर क्या चल रहा है, इसका उन्हें कुछ भी पता नहीं।

इसके बाद मुंबई पुलिस अर्णब गोस्वामी को एक गाड़ी में लेकर चले गए। अर्णब ने किसी तरह वैन की खिड़की खोल कर आरोप लगाया कि मुंबई पुलिसकर्मियों ने उनके साथ दुर्व्यवहार किया। चैनल का कहना है कि उन्हें कुछ इस तरह से वैन में लेकर जाया गया, जैसे वो एक अपराधी हों। उनकी पत्नी ने उन पुलिसकर्मियों को ‘एनकाउंटर कॉप्स’ बताया और चैनल ने इसे अघोषित आपातकाल का फासीवादी कदम।