मथुरा/लखनऊ। उत्तर प्रदेश में मथुरा के एक मंदिर में नमाज पढ़ने के बाद गोवर्धन इलाके की ईदगाह में चार युवकों ने हनुमान चालीसा का पाठ किया। ईदगाह मस्जिद में मंगलवार (नवंबर 3, 2020) सुबह किए गए इस हनुमान चालीसा पाठ का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ तो पुलिस एक्शन में आई और तत्काल चारों युवकों को हिरासत में ले लिया गया। युवकों का शांतिभंग की धाराओं में चालान कर जेल भेज दिया गया।
Four persons apprehended for allegedly reciting 'Hanuman Chalisa' inside a mosque in Mathura's Govardhan.
— ANI UP (@ANINewsUP) November 3, 2020
जानकारी के मुताबिक, ईदगाह में हनुमान चालीसा पढ़ने वाले युवकों के नाम सौरभ, राघव मित्तल, कान्हा और कृष्णा ठाकुर हैं। ये सभी गोवर्धन इलाके में ही रहते हैं। हालाँकि अभी तक इस मामले में किसी तरह की कोई तहरीर नहीं दी गई है लेकिन सोशल मीडिया पर पोस्ट वायरल होने के बाद चारों को पुलिस ने हिरासत में ले लिया। बाद में पुलिस ने इनका शांतिभंग की धारा में चालान कर दिया। युवकों का कहना है कि वे भाईचारा बढ़ाने के लिए मस्जिद में हनुमान चालीसा पढ़ने गए थे।
हिरासत में लिए गए 4 युवकों ने कहा, “हमने ईदगाह में हनुमान चालीसा का पाठ कर सांप्रदायिक सौहार्द का संदेश दिया है जब मुस्लिम नंद भवन में नमाज अदा कर सकते हैं तो हम भी ईदगाह में हनुमान चालीसा का पाठ कर सकते हैं।” इसके साथ ही उन्होंने ‘जय श्री राम’ के नारे भी लगाए।
वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि मथुरा जनपद हिंदू-मुस्लिम सौहार्द के प्रतीक के रूप में जाना जाता है और ऐसे में किसी भी समुदाय के व्यक्तियों को अमन की फिजा को बिगाड़ने की अनुमति नहीं दी जाएगी और ऐसे कार्य करने वालों के खिलाफ सख्त विधिक कार्रवाई की जाएगी।
फैजल खान ने मंदिर में पढ़ी थी नमाज
बता दें कि इससे पहले ब्रज चौरासी कोस यात्रा करते हुए दो मुस्लिम युवकों द्वारा नंदगाँव स्थित नंदबाबा मंदिर परिसर में नमाज अदा करने के फोटो सोशल मीडिया पर वायरल हुए थे। जिसके बाद यूपी पुलिस ने दो लोगों को हिरासत में लिया था। हिरासत में लिए गए लोगों की पहचान फैजल खान और चाँद मोहम्मद के रूप में हुई थी।
सेवायत ने दर्ज कराई थी एफआईआर
मामले में मंदिर के सेवायत गोस्वामी ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराते हुए आरोप लगाया था कि 29 अक्टूबर को दोपहर करीब साढ़े 12 बजे फैजल खान और चाँद मोहम्मद, जो दिल्ली के खुदाई खिदमतगार संस्था के सदस्य हैं, इसी संस्था के आलोक रतन और नीलेश गुप्ता के साथ आए। एफआईआर में आरोप लगाया गया है कि मुस्लिम युवकों ने बिना अनुमति लिए और जानकारी के मंदिर प्रांगण में नमाज अदा की और नमाज पढ़ते हुए के अपने फोटो अपने साथियों से सोशल मीडिया पर वायरल कराए। इनके इस कृत्य से हिन्दू समुदाय की भावनाएँ आहत हुई हैं और आस्था को गहरी चोट पहुँची है।
हिन्दुओं ने मंदिर में हवन कर के गंगाजल से शुद्धिकरण किया। श्रद्धालुओं ने कहा कि बिना अनुमति मंदिर में घुस नमाज पढ़ने के कारण उन्हें शुद्धिकरण की प्रक्रिया पूरी करनी पड़ी। भक्तों ने पंडितों के साथ बैठ कर पूरी प्रक्रिया के साथ हवन-पूजन किया। वहीं विश्व हिन्दू परिषद ने इस घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए इसे ‘नमाज जिहाद’ करार दिया।