हरियाणा के फरीदाबाद में निकिता तोमर की हत्या के बाद हर जगह सख्त कानून बनाए जाने की माँग उठ रही है। ऐसे में हिंदू लड़कियों पर होते अत्याचारों के मद्देनजर जागरूकता फैलाने के लिए सुदर्शन टीवी प्रमुख ने एक शांतिपूर्ण प्रदर्शन का आयोजन किया था। 1 नवंबर को दिल्ली के इंडिया गेट पर इसी आयोजन में कई लोग इकट्ठा हुए।
हालाँकि, इस बीच सुदर्शन टीवी एडटिर इन चीफ सुरेश चव्हाणके ने दिल्ली पुलिस पर इस प्रदर्शन में बाधा डालने का आरोप लगा दिया। चैनल ने एक वीडियो शेयर करते हुए बताया कि कैसे इंडिया गेट पर एकत्रित हुए हिंदू प्रदर्शनकारियों के शांतिपूर्ण प्रदर्शन पर दिल्ली पुलिस ने अवैध बल का इस्तेमाल किया। शेयर की गई वीडियोज में कुछ महिला अधिकारियों को हिंदू महिला प्रदर्शनकारी को उठा कर बस में बिठाते देखा जा सकता है।
महीनों बंद रहा शाहीन बाग और हाथ जोड़े रही @DelhiPolice .
पर जब "जय श्री राम" कहती , हाथों में चूड़ी, माथे पर बिंदी और मांग में सिंदूर डाले एक हिंदू महिला को देखा तो ये दिखा नजारा.#ShameOnDelhiPolice @CPDelhi @DCPNewDelhi @HMOIndia @AmitShah @kishanreddybjp pic.twitter.com/rIamuoY134
— Sudarshan News (@SudarshanNewsTV) November 2, 2020
सुदर्शन टीवी के चीफ एडिटर ने यह भी दावा किया कि उनके पत्रकार गौरव मिश्रा को भी दिल्ली पुलिस ने गैर कानूनी रूप से हिरासत में लिया, क्योंकि उन्होंने भगवा रंग का शर्ट पहना था। सुरेश चव्हाणके ने लिखा, “भगवा पहनना दिल्ली पुलिस के लिए गुनाह है? इंडिया गेट पर जब हमारे रिपोर्टर गौरव मिश्रा कवर कर रहे थे तो पुलिस ने उन्हें भी डिटेन कर लिया। एक पुलिस वाले ने कहा, तुमने भगवा शर्ट क्यों पहना हुआ है? तुम प्रदर्शन करने आए हो?”
भगवा पहनना @DelhiPolice के लिए गुनाह है?
इंडिया गेट पर जब हमारे रिपोर्टर @gauravstvnews कवर कर रहें थे तो पुलिस ने उन्हें भी डिटेन कर लिया,
एक पुलिस वाले ने कहा,”तुमने भगवा शर्ट क्यों पहना हुआ है? तुम प्रदर्शन करने आये हो? @AmitShah #ShameOnDelhiPolice pic.twitter.com/UyuVipGLC2— Suresh Chavhanke “Sudarshan News” (@SureshChavhanke) November 2, 2020
उल्लेखनीय है कि एक ओर जहाँ सुदर्शन न्यूज ने एक ट्वीट में यह भी आरोप लगाया कि जनता मार्च पर हमले का आदेश देने वाले दिल्ली पुलिस अधिकारी का नाम सरफराज है। वहीं दिल्ली पुलिस ने इन आरोपों के मद्देनजर सफाई जारी की है। साथ ही अपने ऊपर लग रहे आरोपों को झूठा बताते हुए खारिज किया।
#जनता_मार्च पर हमले का आदेश देने वाले @DelhiPolice के अधिकारी का नाम – " #सरफराज "#ShameOnDelhiPolice@CPDelhi @HMOIndia @AmitShah
— Sudarshan News (@SudarshanNewsTV) November 1, 2020
पुलिस का कहना है कि उन्होंने प्रदर्शनकारियों को सिर्फ़ जंतर-मंतर पर प्रदर्शन करने के लिए कहा था। लेकिन चैनल सीआरपीसी 144 और डीडीएमए दिशानिर्देशों के तहत प्रतिबंधात्मक आदेशों का उल्लंघन करके इंडिया गेट के पास मानसिंह रोड पर इकट्ठा होकर आगे बढ़ा। इसलिए कर्तव्यों का निर्वहन करते हुए दिल्ली पुलिस ने कुछ प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया और अन्य लोगों को अवैध धरने से हटा दिया।
One Virendrajit Sharma and Mr Suresh Chavahanke of Sudarshan News TV had tweeted about their call for a protest at India Gate.
— #DilKiPolice Delhi Police (@DelhiPolice) November 1, 2020
बता दें कि, सुदर्शन टीवी के एक आयोजन पर दिल्ली पुलिस की कार्रवाई देखकर कई लोगों में रोष भी है। लोगों का पूछना है कि आखिर जिस तरह से इंडिया गेट पर सुदर्शन टीवी के साथ खड़े प्रदर्शनकारियों को हटाया गया, वैसे ही समान बल का प्रयोग शाहीन बाग में क्यों नहीं किया गया था।
सोशल मीडिया पर यूजर्स ने दिल्ली पुलिस का यह रवैया देखकर उनपर आरोप लगाया कि जब मुस्लिम प्रदर्शनकारी लंबे समय से शाहीन बाग में रोड ब्लॉक करके बैठे थे, तब दिल्ली पुलिस ने अवैध रूप से एकत्रित भीड़ को उठाने के लिए क्या किया। इसके बाद हिंदू विरोधी दंगो को रोकने में कथित विफलता पर भी सवाल उठाया और पूछा कि आखिर वो आज तक मौलाना साद को क्यों नहीं पकड़ पाए।
संतो का केश पकड़ कर बोला था @DelhiPolice का ये संदिग्ध बिना वर्दी का अधिकारी —
"आज घुसेड़ देंगे तुम्हारा सारा हिंदुत्व" pic.twitter.com/IQg9Gkjuh1
— Sudarshan News (@SudarshanNewsTV) November 2, 2020
ज्ञात हो कि पिछले दिनों हरियाणा में निकिता तोमर की हत्या के बाद से हिंदू लड़कियों की सुरक्षा को लेकर लगातार आवाजें उठ रही हैं। निकिता पर तौसीफ नाम का युवक लगातार धर्म परिवर्तन के लिए दबाव बना रहा था, लेकिन जब उसने उसकी बात नहीं मानी तो वह उसे उसके कॉलेज के बाहर गोली मार कर फरार हो गया। इस घटना के बाद कई संगठनों ने लव जिहाद जैसे मामलों पर कड़े कानून को बनाने की अपील सरकार से की थी और इसी घटना के बाद सुदर्शन न्यूज ने भी जनता मार्च निकालकर जागरूकता फैलाने का फैसला किया था।