राष्ट्रीय जाँच एजेंसी (NIA) ने चेन्नई के अहमद अब्दुल कादिर (40) और बेंगलुरु के इरफ़ान नासिर (33) को गिरफ्तार किया है। दोनों ही इस्लामिक स्टेट (आईएस) मॉड्यूल के संदिग्ध हैं और इन पर युवाओं को कट्टरपंथी बनाने और उन्हें आतंकवादी गतिविधियों में शामिल कराने के लिए फंडिंग उपलब्ध कराने का आरोप है। एनआईए का आरोप है कि इन्होंने साल 2013 से 2014 के बीच युवाओं को सीरिया भेजने के लिए फंडिंग इकट्ठा की थी।
एनआईए के मुताबिक़ सीरिया में 2 युवाओं की मौत हो गई थी। लेकिन एजेंसी ने मृतकों की पहचान सार्वजनिक नहीं की है। एनआईए ने बताया कि अब्दुल कादिर तमिलनाडु के चेन्नई स्थित एक बैंक में बतौर बिज़नेस एनालिस्ट (विश्लेषक) काम करता था। वहीं नासिर बेंगलुरु में बतौर चावल व्यापारी काम करता था।
एनआईए की विशेष अदालत ने इस मामले में 19 सितंबर को स्वतः संज्ञान लेते हुए मामला दर्ज कर लिया था। एनआईए की तरफ से यह कार्रवाई तब हुई जब जाँच के दौरान बेंगलुरु आधारित अब्दुर रहमान नाम के नेत्र विशेषज्ञ को आईएसआईएस से जुड़ी आतंकवादी गतिविधियों में शामिल होने के आरोप में गिरफ्तार किया गया। अब्दुर से पूछताछ में उन नामों का खुलासा हुआ था जो 2013-2014 के दौरान आईएसआईएस में भर्ती होने के लिए सीरिया गए थे।
एनआईए द्वारा जारी किए गए बयान में इस पूरे घटनाक्रम की विस्तार से जानकारी दी गई है। बयान में उन्होंने कहा, “हमारी जाँच में यह बात सामने आई है कि अहमद अब्दुल कादिर, इरफ़ान नासिर और इनके अन्य सहयोगी हिज्ब-उत-तहरीर नाम के संगठन के सदस्य थे। अब उन्होंने ‘कुरान सर्किल’ नाम का नया संगठन बना लिया था, जिसमें वह भोले नौजवानों को शामिल करके उन्हें कट्टरपंथी बनाते थे और उन्हें आतंकवादी गतिविधियों से जोड़ने के लिए फंडिंग करके उन्हें सीरिया भेजते थे।”
इन तमाम जानकारियों के आधार पर एनआईए ने भारतीय दंड संहिता की धारा 120 B, 125 और गैर कानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम की धारा 17, 18 और 18 B के तहत मामला दर्ज किया है। इसके अलावा दोनों आरोपित देश के कई प्रतिबंधित संगठनों से जुड़े हुए थे जिसमें आईएसआईएस/आईएसआईएल/दाएश मुख्य थे। एनआईए ने अपनी रिपोर्ट में यह भी कहा है कि आरोपित संगठन के युवाओं को कट्टरपंथी और आतंकवादी गतिविधियों का हिस्सा बनाने में अहम भूमिका निभाते थे। वह हमेशा इस कोशिश में रहते थे कि ज़्यादा से ज़्यादा युवा आईएस के आतंकवादी मॉड्यूल का हिस्सा बनें।
इसके अलावा एनआईए ने दोनों आरोपितों के ठिकानों पर तलाशी ली, जहाँ से इलेक्ट्रॉनिक और अन्य प्रकार के उपकरण बरामद हुए थे। इसके अलावा अब्दुल कादिर और इरफ़ान नासिर को एनआईए की विशेष अदालत में पेश किया जा चुका है। फ़िलहाल उन्हें पूछताछ के लिए 10 दिन की हिरासत में रखा जाएगा। एनआईए का इस मुद्दे पर कहना है कि बड़े षड्यंत्रों के खुलासे के लिए मामले की जाँच जारी है, जल्द ही कई अहम बातें सामने आएँगी।