चुनाव के लिए पासवान के पास नहीं थे पैसे, फिर ऐसे लड़े थे पहला इलेक्शन

लोक जनशक्ति पार्टी के संस्थापक और केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान नहीं रहे. पांच दशकों के लंबे राजनीतिक करियर में उन्होंने बेहतरीन काम किया. अपने राजनीतिक सफर की शुरूआत उन्होंने उसी जिले से की जहां वो पैदा हुए थे. उन्होंने वहीं से पहली बार विधानसभा चुनाव जीता, जिस जिले के तहत उनका जन्मस्थान आता है. आइए जानते हैं राजनीति में उनके पहले कदम की कहानी….

Ram Vilas Paswan Died first election no money Khagaria Bihar

रामविलास पासवान के निधन की खबर से उनके पैतृक गांव शहरबन्नी में मातम पसर गया है. उनके निधन की खबर से उनकी पहली पत्नी का रो-रो कर बुरा हाल है. रामविलास पासवान मूल रूप से बिहार के खगड़िया जिले के अलौली प्रखण्ड के शहरबन्नी गांव के रहने वाले थे. (फोटो में – निधन की खबर सुनकर उनके पैतृक निवास के बाहर जमा लोग)

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रामविलास पासवान ने अपनी प्रारंभिक पढ़ाई अपने गांव शहरबन्नी के सरकारी स्कूलों से पूरी की. वहीं स्नातक की पढ़ाई भी गृह जिले के कोसी कॉलेज से पूरी की. रामविलास पासवान जामुन दास के सबसे बड़े बेटे थे.

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रामविलास पासवान ने अपने राजनीतिक सफर की शुरुआत अपने गृह प्रखण्ड अलौली विधानसभा से की थी. साल 1967 में उन्होंने अलौली सीट से पहली बार चुनाव लड़ा. लोग बताते हैं कि चुनाव लड़ने के लिए उनके पास पैसे नही थे. लिहाजा गांव में चंदा करके चुनावी मैदान में खड़े हुए लेकिन उस समय के कांग्रेस के कद्दावर नेता मिसरी सदा से महज 906 वोट से हार गए.

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रामविलास पासवान के राजनीतिक करियर की शुरुआत वहीं से थी. चुनाव हारे लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी. वर्ष 1969 हुए चुनाव में दूसरी बार अलौली सीट से चुनाव लड़कर पहली बार विधायक बने.

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तीसरी बार के चुनाव में वह अलौली सीट से हार गए. वह चुनावी सीट बदलकर धीरे-धीरे देश की राजनीति में आगे बढ़ते चले गए. सांसद से लेकर केंद्रीय मंत्री बनने के बाद भी वह खगड़िया और अपने गांव शहरबन्नी को कभी नहीं भूले.

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खगड़िया के लिए उनके द्वारा किये गए कार्य को आज भी लोग भुला नही पाए हैं. स्थानीय समाजसेवी सुभाष जोशी की माने तो रामविलास पासवान जब रेल मंत्री थे तब खगड़िया स्टेशन को मॉडल रेलवे स्टेशन का दर्जा दिया गया. मॉडल स्टेशन का दर्जा मिलने के बाद स्टेशन पर बुनियादी सुविधाओं को बहाल किया गया.

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इतना ही नही रामविलास पासवान ने अलौली-कुश्वेशर रेल परियोजना को भी मंजूरी दिलाई. जिसके दरभंगा के कुश्वेशर स्थान से खगड़िया होते अलौली तक रेलवे को विकसित करने का काम शुरू हुआ.

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इस रेल लाइन पर अब भी काम चल रहा है. रामविलास पासवान जब दूरसंचार मंत्री थे जब उन्होंने खगड़िया में BSNL के जिला स्तर के कार्यालय की स्थापना की. खगड़िया जिले में संचार क्रांति का श्रेय भी रामविलास पासवान को जाता है.