हाथरस- सीएम योगी को जिसका डर था, वही हो गया!

लखनऊ। यूपी सरकार के सीएम योगी आदित्यनाथ को जिस बात का अंदेशा था, ना चाहते हुए भी वहीं हो गया, लखनऊ के उच्च पदस्थ सूत्रों का दावा है कि सीएम सचिवालय में अफसरों के तालमेल में कमी ने पूरे राज्य सरकार को कठघरे में खड़ा कर दिया है, सीएम के बेहद करीबी और मुख्य सचिव अवनीश अवस्थी की भूमिका को लेकर प्रदेश के सचिव और प्रमुख सचिव स्तर के अधिकारियों में काफी फुस-फुसाहट है, सूत्रों का कहना है कि तालमेल के अभाव ने ही हाथरस को देखते-देखते राजनीति में बड़ा प्लॉट बना दिया है, यूपी काडर के हाल में रिटायर हुए आईएएस अधिकारी का कहना है कि पिछले 3-4 महीने का घटनाक्रम देखिये, तो लगता ही नहीं कि जैसे कोई सरकार चल रही हो।

सब शांति से निबट जाए

हाथरस की बिटिया के सफदरजंग में भर्ती होने के बाद से ही यूपी सरकार के कान खड़े होने शुरु हो गये थे, प्रदेश सरकार के वरिष्ठ अधिकारी की मानें, तो अस्पताल में लाडली के दम तोड़ने के बाद राज्य सरकार के रणनीतिकार सीएम के इच्छानुसार सबकुछ शांतिपूर्ण तरीके से निबटा देने की प्रबंधन कला में लग गये थे, बताते हैं कि पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट आने और लाडली का शव हाथरस के लिये रवाना होने के बीच काफी कुछ रणनीति बना ली गई थी, स्थानीय स्तर पर शवदाव की तैयारियों के लिये कह गिया गया था, लेकिन फिर देर रात ही शव को जला दिया गया, हालांकि सुबह होते-होते कहानी उल्टी पड़ गई, एक लीडिंग चैनल पर दिखाई गई खबरों ने आग में घी का काम कर दिया।

राहुल-प्रियंका के साथ धक्कामुक्की पड़ी भारी

नोएडा के वरिष्ठ अधिकारी से मिली जानकारी के अनुसार नोएडा से राहुल-प्रियंका का काफिला हाथरस के लिये आगे बढ गया, उन्हें ग्रेटर नोएडा में रोकने जैसा कुछ भी नहीं था, लेकिन जैसे ही .यह कुछ और आगे बढा, इसे रोक लिया गया, कहा जा रहा है कि फरमान अचानक आया, राहुल गांधी, प्रियंका गांधी, रणदीप सूरजेवाला समेत अन्य नेता और कार्यकर्ता पैदल आगे बढ रहे थे, लेकिन तभी फरमान आने के बाद उन्हें रोक लिया गया, कहा-सुनी के दौरान धक्का मुक्की में राहुल गांधी जमीन पर गिर पड़े, उनके हाथ में चोटें भी आई, बताते हैं कि इस घटना ने राष्ट्रीय स्तर पर प्रदेश सरकार की फजीहत करा दी।

इससे भी हुई फजीहत
अगले दिन इसी तरह की घटना टीएमसी सांसद डेरेक ओ ब्रायन और दूसरे नेताओं के साथ हो गई, इसमें भी कांग्रेस नेता अमृता धवन के कपड़े फट जाने की घटना ने आग में घी का काम किया, इस तरह की स्थिति से घबराकर यूपी सरकार के लखनऊ में बैठे अफसरों ने आनन-फानन में ना सिर्फ पीड़िता के गांव जाने वाले रास्ते बल्कि हाथरस जाने वाले रास्ते भी सील कर दिये, गाजियाबाद तथा गौतम बुद्ध नगर के प्रशासन तथा पुलिस विभाग के अफसरों ने 3 अक्टूबर को शाम 6 बजे के बाद राहत की सांस ली, एक्सप्रेस वे पुलिस थाने के सूत्रों की मानें, तो कल रात से ही जांच पड़ताल तेज चल रही है, प्रशासन को लग रहा था कि क्या पता भट्टा परसौल की तरह राहुल-प्रियंका अचानक ना हाथरस पहुंच जाएं।