हाथरस केस: लड़की के परिजनों और आरोपियों के साथ पुलिसकर्मियों का होगा नार्को और पाॅलीग्राफी टेस्ट

लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हाथरस कांड में पुलिस अधीक्षक विक्रांत वीर, सीओ, इंस्पेक्टर समेत पांच पुलिस कर्मियों को निलंबित कर दिया है। मुख्यमंत्री ने यह कार्रवाई गृह सचिव भगवान स्वरूप के नेतृत्व में गठित एसआईटी द्वारा दी गई प्रारंभिक जांच रिपोर्ट के आधार पर की है।

मुख्यमंत्री ने सख्त निर्देश देते हुए कहा है कि जांच के दायरे में आने वाले एसपी समेत सभी पुलिस अधिकारियों, वादी पक्ष व प्रतिवादियों के नार्कों व पाॅलीग्राफी टेस्ट कराए जाएं। साथ ही शामली के पुलिस अधीक्षक विनीत जायसवाल को हाथरस का नया पुलिस अधीक्षक बनाया गया है। हाथरस कांड के लिए गठित एसआईटी ने शुक्रवार को अपनी प्रारंभिक रिपोर्ट मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को सौंप दी। इस पर मुख्यमंत्री से पूरे मामले की समीक्षा की और हाथरस के पुलिस अधीक्षक विक्रांत वीर, तत्कालीन सीओ राम शब्द, तत्कालीन इंस्पेक्टर दिनेश कुमार वर्मा, एसएसआई जगवीर सिंह और हेड मोहर्रिर महेश पाल को निलंबित करने के आदेश दिए। इसके बाद गृह विभाग ने सभी को निलंबित करने के आदेश जारी कर दिए।

जांच में लापरवाही उजागर
एसआईटी ने जांच रिपोर्ट में पाया है कि पुलिस अधीक्षक विक्रांत वीर ने मामले में लापरवाही की और कर्तव्यों के निर्वहन में ढिलाई बरती। उन्होंने पूरे मामले में अधीनस्थ पुलिस कर्मियों के कामकाज की समीक्षा भी सही ढंग से नहीं की और लगातार मामले में लापरवाही बरतते रहे। मुख्यमंत्री के निर्देश पर अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश अवस्थी ने इस मामले में गृह सचिव भगवान स्वरूप, डीआईजी चंद्रप्रकाश और एसपी पूनम के नेतृत्व में एसआईटी गठित की थी। एसआईटी को सात दिन में रिपोर्ट देने को कहा गया था। एसआईटी ने अभी अपनी प्रारंभिक जांच रिपोर्ट दी है।