बेंगलुरू। विजय हजारे ट्रॉफी के दूसरे सेमीफाइनल में गुरुवार को दिल्ली का सामना झारखंड से होगा. दोनों टीमें यहां के एम. चिन्नास्वामी स्टेडियम में आमने-सामने होंगी. इस मैच को जीतने वाली टीम शनिवार को होने वाले फाइनल में मुंबई से भिड़ेगी. मुंबई ने हैदराबाद को हराकर फाइनल में जगह बनाई है.
जीत की प्रबल दावेदार मानी जा रही दिल्ली पूरे टूर्नामेंट में सिर्फ एक मैच हारी है. वह लगातार अपने ऑलराउंड खेल से जीत की राह पर बनी हुई है. ऐसे में झारखंड के लिए यह मैच आसान नहीं होगा. दिल्ली ऐसी टीम नहीं है जो किसी एक खिलाड़ी के दम पर हो. बेशक कप्तान गौतम गंभीर 490 रन बनाकर टीम के सर्वोच्च स्कोरर बने हुए हैं, लेकिन नीतिश राणा, ध्रूव शौरे, उन्मुक्त चंद का बल्ला भी चलता रहा है. वेस्टइंडीज के खिलाफ खेली जाने वाली वनडे सीरीज से पहले ऋषभ पंत भी इस मैच में हाथ आजमा सकते हैं.
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झारखंड की ताकत गेंदबाजी है. उसकी गेंदबाजी ही उसे फाइनल तक पहुंचाने में सबसे ज्यादा मददगार साबित हुई है. शाहबाज नदीम और वरुण एरॉन की जोड़ी ने शानदार प्रदर्शन किया है. शाहबाज नदीम अपनी फिरकी से अभी तक इस टूर्नामेंट में आठ मैचों में 22 विकेट ले चुके हैं. एरॉन सात मैचों में 16 विकेट अपने नाम कर चुके हैं. इन दोनों के अलावा युवा ऑलराउंडर अनुकूल रॉय, मोनू कुमार भी दिल्ली के बल्लेबाजों को परेशान करने का दम रखते हैं. ऐसे में दिल्ली की बैटिंग और झारखंड की बॉलिंग के बीच अच्छा मुकाबला देखने को मिल सकता है.
झारखंड को बल्लेबाजी में ईशान किशन से सबसे ज्यादा आस होगी. वे आठ मैचों में अभी तक 405 रन बना चुके हैं. उनके अलावा झारखंड का कोई और बल्लेबाज उनके आस-पास भी नहीं पहुंच सका है. आनंद सिंह ने 285 रन बनाए, लेकिन सौरभ तिवारी का अनुभव टीम की बल्लेबाजी के लिए अहम रहेगा. बल्ले से विराट सिंह भी कमाल करने का दम रखते हैं.
दिल्ली की गेंदबाजी औसत ही रही है, लेकिन कुलवंत खेजरोलिया झारखंड के लिए सिरदर्द साबित हो सकते हैं. इस गेंदबाज ने अभी तक इस टूर्नामेंट में सिर्फ चार मैच खेले हैं और 12 विकेट लिए हैं. नवदीप सैनी से भी दिल्ली को अच्छे प्रदर्शन की उम्मीद होगी.