महोबा/लखनऊ। उत्तर प्रदेश के महोबा (Mahoba) में क्रशर कारोबारी इंद्रकांत त्रिपाठी (Indrakant Tripathi) की मौत की जांच कर रही स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (SIT) ने अपनी रिपोर्ट पेश कर दी है। रिपोर्ट के अनुसार कारोबारी ने अपनी लाइसेंसी पिस्टल से ही खुद को गोली मारकर जान दे दी। SIT ने दावा किया है कि मानसिक तनाव से गुजर रहे कारोबारी ने यह कदम उठाया।
एडीजी ने स्पष्ट किया कि अभी इस मामले में किसी को क्लिन चिट नहीं दी गई है। कारोबारी को मानसिक तनाव में पहुंचाने के जिम्मेदार तत्कालीन एसपी मणिलाल पाटीदार थे। मौके से पिस्टल नहीं बरामद होने पर एडीजी ने कहा कि घटना के वक्त वहां से गुजर रहे इंद्रकांत के बिजनस पार्टनर बल्लू के भाई आशाराम ने पिस्टल उठा ली और इंद्रकांत के साले ब्रजेश शुक्ल को दे आया था।
गौरतलब है कि महोबा जिले के पूर्व पुलिस अधीक्षक मणिलाल पाटीदार के खिलाफ रिश्वत मांगने का वीडियो वायरल करने के कुछ घंटे बाद गोली लगने से घायल क्रशर व्यवसायी इंद्रकांत त्रिपाठी (44) की मौत हो गई। कानपुर के अस्पताल में इलाज के दौरान उन्होंने दम तोड़ा था। त्रिपाठी के बड़े भाई रविकांत का आरोप है कि महोबा के तत्कालीन पुलिस अधीक्षक पाटीदार ने उनके भाई से 6 लाख रुपये रिश्वत मांगी थी और नहीं देने पर उसे झूठे मुकदमे में फंसाकर जेल भेजने की धमकी दी थी।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ 9 सितंबर को पाटीदार को तत्काल प्रभाव से निलंबित करते हुए उनकी संपत्ति की सतर्कता अधिष्ठान से जांच कराने के आदेश दिए थे। प्रदेश के डीजीपी हितेश चंद्र अवस्थी ने इस कांड की जांच के लिए SIT गठित कर एक हफ्ते में रिपोर्ट देने का आदेश दिया था। आईजी रेंज (वाराणसी) विजय सिंह मीना एसआईटी के अध्यक्ष, जबकि डीआईजी शलभ माथुर और एसपी अशोक कुमार त्रिपाठी ने बतौर सदस्य उनका सहयोग किया।