मध्य प्रदेश में 27 विधानसभा सीटों पर चुनाव होना है, ऐसे में ज्योतिरादित्य सिंधिया का कॉन्ग्रेस छोड़ कर भाजपा में आने से पार्टी को बड़ा फायदा होता हुआ दिख रहा है। मध्य प्रदेश भाजपा ने एक आँकड़ा जारी कर के बताया है कि अकेले ग्वालियर-चम्बल संभाग में कॉन्ग्रेस के 76,361 कार्यकर्ताओं ने भाजपा का दामन थामा है। इसे ज्योतिरादित्य सिंधिया इफ़ेक्ट के रूप में देखा जा रहा है, जिससे भाजपा को फायदा होना तय माना जा रहा है।
पार्टी द्वारा जारी किए गए आँकड़ों के अनुसार, ग्वालियर, मुरैना, गुना और भिंड से इतनी बड़ी संख्या में कॉन्ग्रेस के कार्यकर्ताओं ने भाजपा का दामन थामा है। ग्वालियर और गुना शुरू से ही सिंधिया परिवार का गढ़ रहा है, जहाँ से इस परिवार के लोग जीतते रहे हैं। मध्य प्रदेश में पार्टी के हैंडल ने कहा है कि इन सभी कार्यकर्ताओं का आत्मीय अभिनन्दन है। प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने कहा कि हम सभी एकाकार होकर मध्यप्रदेश को नई ऊँचाई तक ले जाएँगे, यह मेरा अटल विश्वास है।
क्षेत्र | भाजपा ज्वाइन करने वाले कॉन्ग्रेस कार्यकर्ताओं की संख्या |
ग्वालियर | 18,334 |
मुरैना | 24,989 |
गुना | 19,563 |
भिंड | 13,475 |
कुल संख्या | 76,361 |
सबसे बड़ी बात ये है कि ये आँकड़े केवल 3 दिन के हैं, जब पार्टी ने मेगा सदस्यता अभियान चलाया। वहीं कॉन्ग्रेस ने भाजपा के इन दावों को सफ़ेद झूठ करार दिया है। ग्वालियर में 22 अगस्त से जारी मेगा सदस्यता अभियान के लिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चैहान, राज्यसभा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया और केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर सहित कई नेताओं ने प्रचार अभियान के लिए डेरा डाला हुआ था।
वहीं ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा है कि वो इस आँकड़े के लिए जनता के समक्ष नतमस्तक हैं। उन्होंने विश्वास दिलाया कि उनके लिए कार्यकर्ताओं का सम्मान सर्वोपरि है और कहा कि उनके खून का एक-एक कतरा उन्हीं कार्यकर्ताओं को समर्पित है। चम्बल बेल्ट को इसीलिए भी सबसे प्रमुख माना जा रहा है क्योंकि जिन 27 विधानसभा सीटों पर चुनाव होने हैं, उनमें से 16 इसी क्षेत्र में आते हैं।
वहीं राज्य की विपक्षी पार्टी कॉन्ग्रेस इन आँकड़ों को फर्जी करार दे रही है। पार्टी ने अजोबोग़रीब दावा किया है कि भाजपा अपने ही पार्टी के कार्यकर्ताओं को सदस्यता दिलवा कर उन्हें पूर्व कॉन्ग्रेसी बता दे रही है। लेकिन, भाजपा ने कहा है कि वो ज़रूरत पड़ने पर आँकड़े पूरी सूची के साथ भी सार्वजनिक कर सकती है। बता दें कि इन चुनावों पर सीएम शिवराज का राजनीतिक भविष्य टिका हुआ है।